शेयर को कब बेचे

Technical Analysis
Technical Analysis और स्टॉक मार्केट
SHARE MARKET से होने वाले लाभों को देख कर,हमारा इसकी तरफ आकर्षित होना बिलकुल उचित है,
क्योकि हर कोई अपने बचत के पैसो का निवेश कर के ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाना चाहता है,लेकिन इस बात को बिल्कुल भी IGNORE नहीं किया जा सकता कि SHARE MARKET जोखिम से भरा हुआ है,
शेयर बाजार कि सबसे बड़ी सच्चाई ये है कि – यहाँ हर कोई शेयर बाज़ार से लाभ कमाने के लिए ही ENTRY करता है, लेकिन सिर्फ 10% लोग ही शेयर बाजार से सही तरह से पैसे बना पाते है, और बाकी 90 % लोगो को LOSS होता है,
और यहाँ 90 % लोगो को LOSS होने का कारण है कि उन्हें ये पता नहीं होना कि –
- शेयर्स कब ख़रीदे,
- शेयर्स किस भाव में ख़रीदे
- शेयर्स कितना ख़रीदे
- शेयर्स कब बेचे
- शेयर्स किस भाव में बेचे
- शेयर्स कितना बेचे
- और LOSS की स्थिति में अपने LOSS को कैसे नियंत्रित करे,
इन सभी बातो का पता लगाने के लिए हमें टेक्निकल एनालिसिस को सिखने और समझने की जरुरत होती है,
शेयर बाजार का RISK और RISK पे नियंत्रण
वैसे तो पूरे शेयर बाजार में दो ही काम होता है, शेयर खरीदना और शेयर बेचना,अब यही सबसे मजेदार पार्ट भी है, और इस बाजार कि दूसरी सच्चाई और सबसे निराली बात ये है कि, किसी को भी ठीक ठीक नहीं पता कि, कोई शेयर्स कब खरीदना चाहिए, और कब बेचना चाहिए, यही इसका जोखिम पार्ट भी है,
बाजार में जोखिम इसी बात का है कि, किसी को भी ठीक ठीक नहीं पता कि कोई शेयर्स कब ख़रीदे, कितने भाव में ख़रीदे, और कब बेचे तथा कितने भाव में बेचे,
सारा जोखिम इसी बात का है,
क्योकि यहाँ कोई भी हमेशा 100 % सही नहीं हो सकता, और कोई भी ऐसा एक तरीका नहीं है जो सिख के हम ये कह सके कि हम शेयर बाजार के बारे में सब सिख चुके है, और हम शेयर बाजार में हमेशा फायदे में ही रहेंगे.
शेयर बाजार के जोखिम को नियंत्रित करने के उपाय –
हमने देखा कि शेयर बाजार में दो कम होते है – शेयर्स खरीदना और शेयर्स बेचना,
इन्ही दोनों से जुडी कुछ मुख्य बाते है, जैसे –
शेयर खरीदना – शेयर कब ख़रीदे? कितने मूल्य में ख़रीदे? शेयर कितना ख़रीदे ?
शेयर बेचना – शेयर कब बेचे ? शेयर कितने मूल्य में बेचे ? शेयर कितना बेचे ?
साथ ही साथ LOSS कि दशा में, पूंजी कि सुरक्षा कैसे करे?
इन सब के बारे में जानकारी रखने और उसे अमल में लाने से शेयर बाजार में मौजूद जोखिम को नियंत्रित किया जा सकता है,और अपने पूंजी कि रक्षा के साथ साथ सही तरह से लाभ कमाने कि अपेक्षा की जा सकती है,
जैसा कि हम पहले ही स्पस्ट कर चुके है कि, कोई भी इन्सान हमेशा ठीक ठीक नहीं बता सकता कि , कोई शेयर कब ख़रीदना चाहिए, कितने में खरीदना, कितने में बेचना, और कब और कितना बेचना चाहिए,
लेकिन इसके कुछ उपाय है, जिसके द्वारा हम , शेयर्स के बारे में इस बात को कि , हम कब, किस मूल्य पर, और कितना शेयर बेचना चाहिए, इस बारे में अपना एक शेयर को कब बेचे बेहतर POINT OF VIEW को हम अमल में लाकर, शेयर बाजार के जोखिमों को नियंत्रित कर, LOSS को कम करके लाभ को बढाया जा सकता है,
और इन उपायों के नाम है – FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS
आइये, अब बात करते है –
TECHNICAL ANALYSIS के बारे में
जब हम किसी कंपनी का शेयर सिर्फ इस आधार पर देखते है, कि उसके भाव कब कब बढ़ जाते है और कब कब कम हो जाते है, और इस बात पर जोर नहीं दिया जाता कि कंपनी और उसके लाभ कमाने कि क्षमता कितनी STRONG है, यानी जब सिर्फ शेयर के PAST PERFORMANCE को ध्यान में रखा जाता है तो इस शेयर को कब बेचे तरह कि BUYING या SELLING को हम TECHNICAL ANALYSIS के आधार पर खरीदना और बेचना कहते है,
और इस तरह हम कह सकते है कि, FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS आधार पर ही आप अच्छे तरीके से किसी शेयर के FUTURE PERFORMANCE का एक अनुमान बता सकते है,
इस सन्दर्भ में TECHNICAL ANALYSIS, शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और कब बेचना, कितना बेचना, कितने भाव में बेचना, स्टॉप लोस लगाना आदि के बारे में हमें बताता है,
और इसी लिए बड़े से बड़े INVESTOR भी FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS कि मदद से मार्केट में हो रहे बदलाव और शेयर्स के सौदों के बारे में बताते है कि हमें कब खरीदना और बेचना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा हम लाभ कमा सके,
Share Trading Rules: शेयर बाजार के निवेशकों को बड़ी राहत, आज से एक दिन में होगा शेयरों का लेनदेन, शेयर बेचने के अगले दिन खाते में आएंगे पैसे
Stock Exchange Rules: देश के स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई में शेयरों के लेनदेन के लिए भुगतान की टी प्लस वन प्रणाली ( T+1 system) शुक्रवार 25 फरवरी 2022 से लागू हो गई है.
By: ABP Live | Updated at : 25 Feb 2022 02:20 PM (IST)
Stock Market News: शेयर बाजार ( Stock Market) में निवेश करने वाले निवेशकों को शुक्रवार से बाद से बड़ी राहत मिलने वाली है. शेयर बेचने के बाद अकाउंट में पैसे आने में अब दो दिन नहीं लगेंगे. बल्कि एक दिन में ही खाते में पैसा आ जाएगा तो शेयर खरीदने के अगले ही दिन डिमैट खाते में शेयर ट्रांसफर कर दिए जायेंगे. दरअसल देश के स्टॉक एक्सचेंज मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों के लेनदेन के लिए भुगतान की टी प्लस वन प्रणाली ( T+1 System) शुक्रवार 25 फरवरी 2022 से लागू हो गई है. टी प्लस वन का मतलब यह है कि लेनदेन से संबंधित सेटलमेंट वास्तविक लेनदेन के एक दिन के भीतर ही अबसे हो जाएगा. मौजूदा समय में सेंटलमेंट का नियम टी प्लस टू है, यानी शेयरों की खरीद-बिक्री की रकम संबंधित खाते में वास्तविक लेनदेन के दो दिनों के भीतर जमा की जा रही है.
क्या है टी प्लस वन
इसे उदाहरण के दौर पर समझते हैं. अगर आपने कोई शेयर बुधवार को खरीदा तो आपके डिमैट खाते में शेयर दो दिन बाद शुक्रवार को आता था. उसी तरह आपने बुधवार को शेयर बेचे तो शुक्रवार को उसके एवज में आपको भुगतान किया जाता था और आपके खाते में पैसे आते थे. लेकिन अब से बुधवार को आपने शेयर खरीदे से गुरुवार को ही आपके डिमैट खाते में शेयर आ जायेंगे. साथ ही अगर आपने बुधवार को शेयर बेचे तो उसके बदले में पैसे गुरुवार को ही खाते में ट्रांसफर कर दिए जायेंगे.
क्या होगा फायदा
टी प्ल्स वन सेटेलमेंट सिस्टम के लागू होने से डिफॉल्ट का जोखिम कम होगा साथ ही बाजार में नगदी ज्यादा मात्रा में उपलब्ध कराया जा सकेगा. बाजार के जानकारों का मानना है कि इससे निवेशकों की रुचि बढ़ेगी और शेयर बाजार में वॉल्यूम भी बढ़ेगा.
एक्सचेंजों ने लिया था फैसला
बीएसई और नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) ने पिछले साल नवंबर में इसका ऐलान किया था. तब कहा गया था कि 25 फरवरी 2022 से टी प्लस वन की शुरुआत की जाएगी. सबसे पहले यह व्यवस्था बाजार पूंजीकरण के लिहाज से सबसे छोटी 100 कंपनियों में लागू की जाएगी. उसके बाद मार्च के आखिरी शुक्रवार को इसमें बाजार पूंजीकरण के लिहाज से कम से ज्यादा के क्रम में 500 नए स्टॉक्स शामिल किए जाएंगे. उसके बाद हर महीने के आखिरी शुक्रवार को इसी तरह नए 500 स्टॉक्स तब तक शामिल किए जाते रहेंगे, जब तक सभी स्टॉक्स इसके दायरे में नहीं आ जाते.
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2003 में घटाकर दो दिन कर दिया गया
शेयरों के लेनदेन से हासिल रकम खाते में आने की अवधि पहले वास्तविक लेनदेन से पांच दिनों तक यानी T+5 थी. शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी ने इसे साल 2002 में घटाकर T+3 किया, जिसके बाद संबंधित शेयरधारक के खाते में बिक्री की रकम तीन दिनों के भीतर आने लगी. बाजार के रेग्युलेटर ने वर्ष 2003 में इसे घटाकर दो दिन कर दिया था. जानकारों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से शेयर बाजारो में रकम का आदान-प्रदान तेजी से होगा.
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Published at : 25 Feb 2022 02:16 PM (IST) Tags: NSE bse demat account Stock Exchange Rules Indian Stock Exchange Adopts T+1 settlement What Is T+1 settlement हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी शेयर को कब बेचे न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
शेयर बाजार की वो गलती…जिससे डूब जाती है आम आदमी की पूरी रकम
Stock Market Tips-शेयर बाजार में कई बार पैसा लगाने वालों के लिए ये खबर बेहद जरूरी है. क्योंकि अक्सर कुछ गलतियां लोगों की पूरी कमाई को डूबो देती है.
मनोज कुमार | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: Jan 17, 2022 | 1:22 PM
सोशल मीडिया पर मिली एक स्टॉक टिप (Stock Market Tips)ने रजत के लाखों रुपये डुबो दिए हैं. आप सोच रहे होंगे कि शायद उनके साथ कोई ऑनलाइन फ्रॉड हुआ शेयर को कब बेचे होगा, लेकिन, ऐसा नहीं है रजत तो शेयर बाजार (Share Bazaar) में ऊंचा रिटर्न कमाने के चक्कर में बर्बाद हो गए. अब पूरी कहानी आप भी जानना चाहते होंगे तो हुआ दरअसल यूं कि शेयर बाजार में तेजी से मोटा मुनाफा कूटने के लिए रजत भी बेकरार थे. वे बस इस इंतजार में थे कि स्टॉक्स (Stocks) की कंही से कोई ऐसी टिप मिले कि वे पैसा लगाएं और पूंजी धड़ाधड़ दोगुनी-तिगुनी हो जाए. रजत के दिमाग में अभी खलबली चल ही रही थी कि किसी ने एक व्हॉट्सऐप ग्रुप पर उन्हें जोड़ लिया और इस ग्रुप में एक स्टॉक में पैसा लगाने की राय शेयर को कब बेचे दी गई. मोटे मुनाफे का पूरा गणित बता दिया गया.बस रजत ने आगापीछा सोचे बगैर झोंक दी मोटी पूंजी और बैठ गए कि अब होगा पैसा डबल, लेकिन ऐसा हुआ नहीं एक-दो दिन चढ़ने के बाद स्टॉक बुरी तरह गिरने लगा.
रजत की लगाई पूंजी का 80 फीसदी हिस्सा खत्म हो चुका है तो इससे ये सबक मिलता है कि बिना जांचे-परखे सोशल मीडिया के जरिए मिलने वाली टिप्स पर पैसा न लगाएं, लेकिन तमाम लोग इन हथकड़ों का शिकार हो जाते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बाजार की कम जानकारी होती है.
सेबी ने 6 लोगों को प्रतिबंधित किया
शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने हाल में ही एक ऐसा मामला पकड़ा है जिसमें कुछ लोग अपने फायदे के लिए सोशल मीडिया के जरिए लोगों का पैसा शेयर बाजार में फंसाते थे. सेबी ने इस मामले में 6 लोगों को पूंजी बाजार में प्रतिबंधित भी कर दिया है.
सेबी ने जिस मामले में यह कार्रवाई की है, उसे लेकर जुलाई और अक्टूबर में शिकायत मिली थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से पैसा कमाने के लिए ट्विटर और टेलीग्राम पर सलाह देकर शेयरों की कीमतों को बनावटी तौर पर प्रभावित कर रहे हैं तो आप समझ लीजिए कि कुछ इस तरह से आपको चूना लगाने की तैयारी होती है.
मोटे मुनाफे के नाम पर आपका पैसा डुबोने वाले लोग छोटी-छोटी कंपनियों को चुनकर उनके शेयरों को बड़ी मात्रा में खरीदने की सोशल मीडिया के जरिए सलाह देते हैं.
आमतौर पर सोशल मीडिया पर सलाह देने से पहले ये लोग कंपनी के शेयर खुद खरीदकर रख लेते हैं और सोशल मीडिया पर सलाह के बाद जब शेयर भागता था तो मुनाफा बटोर अपने शेयर बेचकर निकल जाते हैं.
इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप, ईमेल, ट्विटर, फेसबुक जैसे हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह से ठगी का मायाजाल चलाया जा रहा है.
आपके पैसे के साथ खिलवाड़ करने वाले ये लोग अपने यहां एनालिस्ट्स और रिसर्चर्स के होने का भी दावा करते हैं..बस लोग यहीं फंस जाते हैं. झटपट पैसा कमाने के लालच में तमाम निवेशक इनके झांसे में फंस जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई डुबा बैठते हैं.
बाजार के जानकार आम निवेशकों को इस तरह के लोगों से बचने की सलाह दे रहे हैं जो अपने फायदे के लिए किसी और को फंसा देते हैं. सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी रिसर्च हेड येशा शाह का कहना है कि महामारी के दौर में शेयर बाजार अच्छा रिटर्न दे रहा है और कई लोग खुद को मार्केट एक्सपर्ट मानने लगे है.
ऐसे ही कुछ तथाकथित मार्केट एक्सपर्ट जो सेबी में रजिस्टर भी नहीं हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से निवेशकों को शेयर खरीदने या बेचने का ज्ञान दे रहे हैं. कुछ लोग तो अपने फायदे के लिए निवेशकों को ठग रहे हैं.
निवेशक भी मुनाफा चूकने के डर से ऐसे लोगों के झांसे में फंसकर नुकसान उठा रहे हैं. निवेशकों को ठगने वालों के खिलाफ सेबी तो कार्रवाई कर ही रहा है लेकिन निवेशकों को भी सावधान रहने की जरूरत है.
मनी 9 की भी यही सलाह है, लालच में आकर ऐसे लोगों के जाल में न फंसें जो अपने फायदे के लिए आपका पैसा मार्केट में फंसा दें. सोशल मीडिया से मिली सलाह पर शेयर बाजार में पैसा लगाना भी ठीक नहीं है. पैसा लगाने से पहले या शेयर को कब बेचे तो निवेशक खुद रिसर्च करें या सेबी से मान्यता प्राप्त सलाहकार की मदद लें.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि.
समाप्ति तिमाही 30-09-2022 के लिए, कंपनी द्वारा रिपोर्टेड संगठित बिक्री - Rs 26642.02 करोड़ है, 10.09 % ऊपर, अंतिम तिमाही की बिक्री-Rs 24199.51 करोड़ से, और -1.35 % नीचे पिछले साल की इसी तिमाही की बिक्री - Rs 27007.02 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में कंपनी का Rs -445.52 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|
डिविडेंड क्या होता है, कैसे मिलता है शेयरों में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा, समझें
कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
Investment : कई कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के डिविडेंड देती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आप कहीं एक जगह पर बड़े अमाउंट में पैसे निवेश करते हैं तो यही उम्मीद रखते हैं कि आपको अच्छा खासा मुनाफा होगा. मुनाफा एक की बजाय दो रास्तों से आए तो फिर बात ही क्या है. इसे कहते हैं शेयर को कब बेचे डबल बेनिफिट वाली डील हासिल करना. कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग-अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड या लाभांश (Dividend) देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. उससे पहले ये समझ लेना जरूरी है कि डिविडेंड क्या होता है.
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क्या होता है डिविडेंड?
शेयर मार्केट की दुनिया में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे में से हिस्सा देती हैं. मुनाफे के रूप में मिलने वाला यही हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. ऐसी कंपनियों के शेयरों को डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स कहा जाता है. हालांकि ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी का खुद का फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पीएसयू सेक्टर की कंपनियां अधिकतर अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं.
कैसे मिलेगा डबल मुनाफा?
किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश कर मुनाफा कमाने के दो तरीके होते हैं. पहला फायदा आपको तब होगा जब शेयरों में तेजी आएगी. और दूसरा यह कि कंपनी को जो भी मुनाफा हो रहा है, कंपनी उसी मुनाफे से आपको हिस्सा देगी. शेयरों में हमेशा उतार-चढ़ाव आता रहता है. जब बाजार गिरता है तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं, इससे शेयरों के दाम घट जाते हैं. ऐसे वक्त में अगर आपने किसी डिविडेंड स्टॉक में निवेश कर रखा है तो आप ऐसे नुकसान के बीच में भी संभले रह सकते हैं.
डिविडेंड को भी बाजार के लिए अच्छा माना जाता है. डिविडेंड मिलने से बाजार का सेंटीमेंट पॉजिटिव बना रहता है. अगर आप ऐसी किसी कंपनी में निवेश करते शेयर को कब बेचे हैं जो ज्यादा डिविडेंड देती है तो, आप अपने शेयर बेचे बिना भी अच्छी खासी इनकम कमा सकते हैं.
डिविडेंड कब मिलता है?
यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कुछ दो-तीन बार भी डिविडेंड देती हैं. डिविडेंड प्रति शेयर के आधार पर दिया जाता है. वित्त वर्ष के अंत में कंपनी अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से लाभांश अपने शेयरहोल्डर्स को देती है.
(ध्यान रखें यह डिविडेंड पर महज सामान्य जानकारी है, कोई भी निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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