चार्ट प्रकार

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यात्री की वर्तमान आरक्षण स्थिति
23-Nov-2022 [10:58:00 IST]
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गाड़ी संख्या | गाड़ी का नाम | बोर्डिंग तिथि (DD-MM-YYYY) | कहां से | कहां तक | कहां तक आरक्षित | बोर्डिंग स्थल | श्रेणी |
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क्रमांक | बुकिंग स्थिति (कोच संख्या, बर्थ संख्या, कोटा) | * वर्तमान स्थिति (कोच नं, बर्थ नं) | कोच स्थिति |
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कुल किराया | चार्टिंग स्थिति | कोई टिप्पणी ? | गाडी स्थिति |
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*कृपया ध्यान दें कि यदि अंतिम चार्ट तैयार नहीं हुई हैं तो बाद मे वर्तमान स्थिति बदल सकती है।
प्रतीक | विवरण |
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CAN / MOD | रद्द या संशोधित यात्री |
CNF / Confirmed | पुष्टि (कोच / बर्थ चार्ट प्रकार संख्या चार्ट तैयार करने के बाद उपलब्ध होगी) |
RAC | रद्द होने पर आरक्षण |
WL # | प्रतीक्षा सूची संख्या |
RLWL | रिमोट स्थान प्रतीक्षा सूची |
GNWL | सामान्य प्रतीक्षा सूची |
PQWL | जमा कोटा प्रतीक्षा सूची |
REGRET/WL | अधिक बुकिंग की अनुमति नहीं है |
RELEASED | टिकेट कॅन्सल नही है लेकिन वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया गया |
R# # | आरएसी कोच संख्या बर्थ संख्या |
WEBCAN | यात्री ने इंटरनेट से रेलवे काउंटर टिकेट रद्द किया और रिफंड प्राप्त नहीं किया |
WEBCANRF | यात्री ने इंटरनेट से रेलवे काउंटर टिकेट रद्द किया और रिफंड प्राप्त किया |
RQWL | रोडसाइड प्रतीक्षा सूची |
DPWL | ड्यूटी पास प्रतीक्षा सूची |
TQWL | तत्काल कोटा प्रतीक्षा सूची |
PNR Prediction
The information displayed here is purely indicative and is based on analysis of current and past trends. At times, the predication may differ from actual status. Indian Railways will not be liable in case of any such deviation as confirmation of reserved accommodation is based on varying factors.
एमएस एक्सेल में चार्ट कैसे बनाएं? उनके प्रकार और प्रयोग
एमएस वर्ड में चार्ट बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:
- सबसे पहले अपने चार्ट प्रकार एक्सेल डॉक्यूमेंट में Insert टैब पर क्लीक करें।
- अब रिबन के अंदर चार्ट वाले सेक्शन में Chart Type पर क्लीक करें जिसके बाद इसके अंदर चार्ट के टाइप वाले मेनू खुल जाएँगे। इनके अंदर किसी एक पर क्लीक करते ही आपके सामने तरह-तरह के चार्ट के प्रकार खुल जाएंगे।
- चार्ट को डिलीट करने के लिए उसपे माउस द्वारा राईट क्लीक करें और Delete या Cut पर क्लीक करें।
- अगर आप चार्ट का आकार बदलना चाहते हैं तो माउस के तीर को उसके किसी कोने या बॉर्डर पर स्थिर रखें और खीचें। इसके बाद आप जिस तरफ चाहें उधर से चार्ट को बड़ा या छोटा कर सकते हैं।
एमएस एक्सेल में चार्ट के प्रकार (types of carts in ms excel in hindi)
एमएस एक्सेल आपको कई तरह के चार्ट अपने डॉक्यूमेंट में प्रयोग करने की सुविधा देता है जिसमे से प्रमुख के बारे में हम आगे जानेंगे। हम ये भी समझेंगे कि उनका क्या प्रयोग है।
1. पाई चार्ट (pie chart)
पाई चार्ट का प्रयोग केवल एक डाटा सीरीज को दिखाने के लये करते हैं। अगर आप एक से ज्यादा डाटा सीरीज डालेंगे तो एमएस एक्सेल अपने-आप पहले वाले को पाई चार्ट के द्वारा दिखाएगा।
जैसा कि आप देख सकते हैं पाई चार्ट एक वृत्त या गोले के टुकड़ों के रूप में डाटा को दिखाता है। इसी तरह इसे 3D में भी बनाया जा सकता है।
2. कॉलम चार्ट (column chart)
कॉलम चार्ट का प्रयोग बहुत सामान्य है और अधिकतर डाटा की तुलना करने के लिए इसी चार्ट का प्रयोग करते हैं।
अगर आप एक से ज्यादा डाटा सीरीज की आपस में तुलना करना छह रहे हैं तो एमएस एक्सेल में कॉलम चार्ट इसी चीज को स्तम्भों के रूप में दिखाता है।
3. लाइन चार्ट (line chart)
लाइन चार्ट का प्रयोग चार्ट प्रकार आम तौर पर समय के साथ हुए बदलावों या एनी चीजों की तुलना में हुए बदलावों को दिखने के लिए करते हैं। यह ये दिखाता है कि कोई चीज का मान कब कितना था।
ये बांकी चार्ट की तरह रंगीन नही होता लेकिन ये एक लाइन में इतनी सारी चीजों को दिखा देता है जिसे अन्य चार्ट के मुकाबले दर्शाना मुश्किल है।
4. एरिया चार्ट (area chart)
एरिया चार्ट एक अनोखा चार्ट है जो विभिन्न्ज्यमितिया आकारों के क्षेत्रों के रूप में किसी डाटा को दिखाने में मदद करता है। एमएस एक्सेल में एरिया चार्ट बहुत सारे डाटा सीरीज को भी दिखा सकता है।
एरिया चार्ट सभी डाटा को लम्बाई, उंचाई या चौड़ाई के माप में बदल देता है और इसी तरीके से 3D में डाटा दिखाने में भी मददगार साबित होता है।
5. स्कैटर चार्ट (scatter chart)
ये बहुत सारे बिखड़े हुई बिन्दुओं की मदद से दो से अधिक डाटा सीरीज की आपस में तुलना करने की क्षमता रखता है।
इसमें ऋणात्मक डाटा को भी आसानी से दिखाया जा सकता है। इसके अलावा एमएस एक्सेल आपको कुछ और भी चार्ट के प्रयोग की सुविधा देता है जिसे की बार चार्ट, सरफेस चार्ट इत्यादि।
इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।
By अनुपम कुमार सिंह
बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।
मीनू चार्ट में छह प्रकार के पकवान नंबर पांच स्कूल के बच्चों को छह दिन मिलती है खिचड़ी
प्रदेशसरकारदावे करती है कि सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के तहत बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाता है लेकिन स्कूलों में बच्चों को मिल रहे पौष्टिक भोजन की असलियत कुछ और है। कुछ ऐसे स्कूल भी हैं जहां स्कूल हेड को पौष्टिक खुराक के बारे में जानकारी ही नहीं है। एक ऐसा ही स्कूल राजकीय प्राथमिक पाठशाला नंबर-5 है। राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 172 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पहली, दूसरी तीसरी कक्षा के 90 के करीब बच्चे सुबह सात से दोपहर साढे 12 बजे तक और चौथी पांचवीं के बच्चे साढे 12 बजे से छह बजे तक शिक्षा ग्रहण करते हैं। इन बच्चों के लिए सुबह ही एक बार खिचड़ी बना दी जाती है। जो दोनों टाइम चलती है।
मिड-डे मील वर्कर धूप से बचने के लिए छोटी रसोई में खिचड़ी बनाकर ही काम चला लेती हैं। बच्चों के माता-पिता का चार्ट प्रकार कहना है कि स्कूल में हरी सब्जी लाए महीनों हो गए हैं। स्कूल में चार्ट मीनू तक नहीं है। जो मिड डे मील वर्कर्स चाहती हैं, वैसा ही भोजन बना देती हैं। हैरानी की बात है कि कभी किसी अधिकारी ने भी स्कूल में मीनू चार्ट नहीं देखा।
हमें मीनू चार्ट मिला ही नहीं
स्कूलहेड आशा रानी ने बताया कि हमें मीनू चार्ट उपलब्ध नहीं कराया गया। बिना मीनू चार्ट के ही भोजन तैयार किया जाता है। खिचड़ी के अलावा समय-समय पर दूसरा पौष्टिक भोजन भी बच्चों को तैयार करके दिया जाता है। जगह की तंगी के कारण कुछ दिक्कतें हैं। नई बिल्डिंग मिलती ही सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
हरस्कूल में मीनू चार्ट होना जरूरी
हमारीजानकारी में ऐसा कोई स्कूल नहीं है। हमने सभी स्कूलों में मीनू चार्ट उपलब्ध करा रखे हैं। मीनू चार्ट के हिसाब से ही हर दिन बच्चों को अलग-अलग तरफ का पौष्टिक भोजन दिया जाता है। बच्चों को हरी सब्जियां भी देनी अनिवार्य हैं। एक ही प्रकार का भोजन देना गलत है। अगर प्राइमरी स्कूल में ऐसा कुछ है तो इसकी जांच की जाएगी और स्कूल हेड से इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई करेंगे।
How candlestick charts work and what timeframe to choose
There are two basic types of charts available in Forex: Line and Japanese Candlestick. Let’s look closer at both of them.
Line charts
Line Charts are the simplest, as they only connect closing prices over a given time period and depict the general price trend.
You can use चार्ट प्रकार this type of chart as an overlay or for comparing charts when performing an inter-market analysis.
For example, you might compare the prices of the Australian dollar and gold using a line chart.
Candle charts
Japanese Candlesticks offer the most popular form of charting.
The candle chart bears much more information than the line chart and it is represented in an easy-to-grasp visual form.
The real body marks the area between the open and the close price. If price closes above the open, the body is hollow. If the price ends up closing lower, the body is solid.
The hollow candle is referred to as white, and the solid candle is called black, though, in reality, the chart can be shown in any color.
The narrow line - called a shadow - shows the price range for the set time period.
One Japanese candlestick is basically a linear chart representing a price for a selected timeframe but shown in a more compact form.
Take a look at how a linear chart that represents a growing price converts into a white Japanese five-minute candle.
Now, this is how a linear chart that represents a falling price converts into a black Japanese five-minute candle:
What timeframe to choose for the chart
Traders use monthly, weekly, daily, 4-hour, hourly, 15-minute and even 1-minute timeframes.
Ideally, traders pick the main timeframe they are interested in and then choose a longer and a shorter timeframe to complement the main one.
The longer timeframes typically contain fewer and more reliable signals. The shorter timeframes usually contain more signals with less accuracy.
There are several types of traders, and they have different trading styles.
Swing or position traders prefer holding trades for days or weeks.
They mainly focus on the daily charts for their trades. They can also make use of a weekly chart when defining the long-term trend, as you can see on the example. And track a 4-hour chart when defining the immediate short-term trend.
Intraday traders, who enter and exit the market the same day, pay more attention to shorter timeframes such as the hourly and 4-hour charts for entry signals, and the daily chart for the broader trend.
फ्लो चार्ट
फ्लो चार्ट (Flow chart) एक एल्गोरिथ्म या किसी प्रक्रिया का एक योजनाबद्ध निरूपण है जिसमें किसी समस्या के चरण-दर-चरण समाधान होते है। प्रवाह चार्ट प्रवाह आरेख का सबसे आम प्रकार है। यह आरेख का सबसे आम प्रकार है। फ्लोचार्ट्स का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किसी प्रक्रिया या कार्यक्रम के विश्लेषण, डिजाइन, दस्तावेज या प्रबंधन में किया जाता है।
सरल प्रोसेस या कार्यक्रमों के डिजाइन और दस्तावेज में फ्लोचार्ट का उपयोग किया जाता है। अन्य प्रकार के डाइग्राम की तरह, फ्लोचार्ट कल्पना करने के मदद करते हैं कि प्रोसेस में क्या चल रहा है। कई अलग-अलग प्रकार के फ्लोचार्ट होते हैं और प्रत्येक प्रकार के बक्से और सूचनात्मक प्रतीक की अपनी की सूची होती है। फ्लोचार्ट में दो सबसे आम प्रकार के बॉक्स हैं:
- प्रोसेसिंग स्टेप
- निर्णय स्टेप
इसके सामान्य वैकल्पिक नामों में फ्लो चार्ट, प्रोसेस फ्लोचार्ट, कार्यात्मक फ्लोचार्ट, प्रोसेस मैप, प्रोसेस चार्ट, फ़ंक्शनल प्रोसेस चार्ट, बिजनेस प्रोसेस मॉडल, प्रोसेस मॉडल, प्रोसेस फ्लो आरेख, वर्क फ्लो आरेख, बिजनेस फ्लो आरेख शामिल हैं।
फ्लो चार्ट में एल्गोरिथ्म या किसी प्रक्रिया का प्रारम्भ और अंत करने में अंडाकार आकृति का उपयोग किया जाता है।
फ्लो चार्ट में एल्गोरिथ्म या किसी प्रक्रिया के प्रवाह (Flow) को दर्शाने में तीर की आकृति का उपयोग किया जाता है। यहाँ प्रवाह से अर्थ है कि कौन सा स्टेप कब होगा। साधारण शब्दो में कहे तो इसका उपयोग सभी फ्लो चार्ट प्रोसेस को आपस में जोड़ने में आता है।
फ्लो चार्ट में एल्गोरिथ्म या किसी प्रक्रिया के इनपुट और आउटपुट दर्शाने में समानांतर चतुर्भुज आकृति का उपयोग किया जाता है।
फ्लो चार्ट में एल्गोरिथ्म या किसी प्रोसेस के ऑपरेशन को दर्शाने में आयत आकृति का उपयोग किया जाता है।
फ्लो चार्ट में एल्गोरिथ्म या किसी प्रोसेस में निर्णय को दर्शाने में हीरे की आकृति का उपयोग किया जाता है। इसका ज्यादातर प्रयोग if, else, ifelse आदि कथनो में होता है।
लीप वर्ष संपादित करें
इस उदाहरण में हम जानेंगे कि यदि हमे कोई वर्ष दे दिया जाए तो हमे कैसे पता करेंगे कि यह लीप वर्ष है या नहीं तो आइये देखते है।
- स्टेप 1:- एक संख्या वाला चर (variable) ले।
- स्टेप 2:- उस चर में वर्ष कि संख्या को भरे। जैसे: 2015, 1999 आदि
- स्टेप 3:- अब यह चेक करे कि क्या वह वर्ष 4 से भाग होता है यदि वह 4 से भाग हो जाता है तो यह चेक करे कि कही वह 100 से भी तो भाग नहीं हो रहा। अगर वह 100 से भी भाग हो जाता है तो वह लीप वर्ष नहीं है। अर्थात आपको दो चीजे चेक करनी है वर्ष 4 से भाग होना चाहिए और वर्ष 100 से भाग नहीं होना चाहिए। वर्ष/4 = 0 और वर्ष/100 ≠ 0 यदि दोनों शर्ते सही हो जाती है तो लीप वर्ष का संदेश आउटपुट दे।
- स्टेप 4:- या अब यह चेक करे कि क्या वह वर्ष 400 से भाग होता है यदि वह 400 से भाग हो जाता है। तो लीप वर्ष का संदेश आउटपुट दे।
- स्टेप 5:- अगर ऊपर कि दोनों शर्तो में दोनों ही विफल रहती है तो लीप वर्ष न होने का संदेश आउटपुट में दे।
यह स्टेप लीप वर्ष चेक करने में उपयोग होते है तो आइये देखते है कि इसके लिए फ्लो चार्ट कैसे बनाते है।
सम या विषम संपादित करें
इस उदाहरण में हम जानेंगे कि यदि चार्ट प्रकार हमे कोई संख्या दे दिया जाए तो हमे कैसे पता करेंगे कि यह सम (Even) है या विषम (Odd)। तो आइये देखते है।
- स्टेप 1:- एक संख्या वाला n चर (variable) ले।
- स्टेप 2:- उस n चर में कोई संख्या को ले। जैसे: 56, 35 आदि
- स्टेप 3:- अब यह चेक करे कि क्या संख्या 2 से पूर्ण भाग को सकती है। अर्थात भाग होने के बाद भागफल 0 होना चाहिए।
- स्टेप 4:- अगर संख्या 2 से पूर्ण भाग हो जाती है तो "संख्या सम है" का संदेश आउटपुट दे।
- स्टेप 5:- अगर संख्या 2 से पूर्ण भाग नहीं होती है तो "संख्या विषम है" का संदेश आउटपुट दे।
यह स्टेप संख्या सम है या विषम है चेक करने में उपयोग होते है तो आइये देखते है कि इसके लिए फ्लो चार्ट कैसे बनाते है।
ध्यान दे:- प्रोग्रामिंग भाषाओ में module का अर्थ भाग से ही होता है और इसे if (n % 2 == 0) के रूप में लिखा जाता है।