विशेषज्ञों के कुछ सुझाव

साझा मुद्राएं

साझा मुद्राएं
On this day, three years ago the Mudra Yojana was launched to give wings to the aspirations of our citizens and harness the entrepreneurial energy among our youth. Three years on, I am delighted to see how Mudra Yojana has brought prosperity in the lives of many.— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2018

मुद्रा प्रिटिंग प्रेस से नोट चुराने पर अधिकारी की गिरफ्तारी का पुराना वीडियो वायरल

उपरोक्त संदेश के साथ, कुछ वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है। इनमें से एक वीडियो क्लिप में, वर्दीधारी एक व्यक्ति को कर्मियों द्वारा पकड़े हुए दिखाया गया है। वीडियो क्लिप में एक लकड़ी बक्से में करेंसी नोट को भी देखा जा सकता है।

भारतीय मुद्रा प्रिंटिंग प्रेस में डेपुटी कन्टृॏल ऑफिसर , प्रतिदिन अपने जूतों में छुपाकर नोटों की गड्डियों को चुराकर ले जाता था। Cisf वालों ने पकड़ लिया और उसके घर से दस हजार करोड़ रुपए बरामद किया।

Posted by सुबोध गिरी जी on Monday, 23 September 2019

एक अन्य वीडियो में, जो किसी इमारत के ऊपर से शूट किया गया है, वर्दीधारी कर्मियों को सड़क के दूसरी तरफ की एक इमारत के परिसर से स्टील के साझा मुद्राएं एक बड़े बक्से को निकालते हुए देखा जा सकता है। दो अन्य वीडियो क्लिप उस अधिकारी और सुरक्षा कर्मियों के साथ परिसर के अंदर के दृश्य दिखलाते हैं।

ये वीडियो क्लिप फेसबुक पर कई व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं और कुछ समूहों द्वारा पोस्ट की गई हैं। यह वीडियो ट्विटर पर भी साझा किया गया है।

पुराना वीडियो, सच्ची घटना

प्रसारित वीडियो की घटना, जैसा कि वीडियो में दिखाया गया है, वास्तव में हुई थी, लेकिन यह खबर पुरानी है। ऑल्ट न्यूज़ ने ‘डिप्टी कंट्रोल ऑफ़िसर CISF’ कीवर्ड्स के साथ गूगल पर सर्च किया तो जनवरी 2018 को प्रकाशित कई खबरें मिलीं। मध्य प्रदेश के देवास में बैंक नोट प्रेस के डिप्टी कंट्रोल ऑफ़िसर मनोहर वर्मा को ताज़ा छपे करेंसी नोटों को अपने जूते के अंदर छुपाकर चोरी करते हुए CISF कर्मियों द्वारा पकड़ा गया था। बाद के छापे में उस अधिकारी के परिसर से कुल 90 लाख रुपये से अधिक की राशि जब्त किए गए थे।

इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस घटना का वीडियो 2018 में भी ऑनलाइन पोस्ट किया गया था। हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से यह पता नहीं लगा सका कि साझा मुद्राएं बाहर के दृश्यों वाली वीडियो क्लिप, जिसे इमारत के ऊपर से शूट किया गया और अन्य वीडियो के साथ साझा किया गया, समान घटना से संबंधित है। ये वीडियो क्लिप 2018 में ही प्रसारित की गई थीं।

इस घटना से संबंधित इंडिया टीवी की एक वीडियो रिपोर्ट नीचे पोस्ट की गई है।

मध्यप्रदेश में एक सरकारी बैंक नोट प्रेस में चोरी से संबंधित जनवरी 2018 के वीडियो, सोशल मीडिया में अब वायरल है। यह ध्यान देने योग्य है कि यह घटना हाल की नहीं है।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Related

Arjun Sidharth

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.

Read Next

फ़ैक्ट-चेक: गुजरात के मोरबी में BJP का चुनाव प्रचार कर रहे लोगों को जनता ने पीट दिया?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें भाजपा का प्रचार कर रही एक ई-रिक्शा…

केरल में आयोजित दीपोत्सव बताकर चीन के ‘गोल्डेन ड्रैगन’ का वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो केरल में दीवाली का दृश्य बताकर वायरल है. वीडियो में…

अमित शाह, जेपी नड्डा ने झूठा दावा कि PM मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाकर भारतीयों को निकाला था

हाल ही में कई भाजपा नेताओं ने ये दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने…

भारतीय सिरप के कारण इंडोनेशिया में बच्चों की मौत हो जाने का अब तक कोई सबूत नहीं

पश्चिम अफ़्रीकी देश गाम्बिया में दूषित दवाओं के कारण कुछ बच्चों की मौत हो गई…

मुद्रा योजना के तीन साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने दिया ये बड़ा बयान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को संतोषजनक प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार की मुद्रा योजना की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि यह देश में बदलाव लाने के लिए काफी अहम है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरुआत 2015 में की गई थी। इसका मकसद उन उद्यमियों की मदद करना है, जो या तो कारोबार के आरंभिक दौर में हैं, या जिनके पास अपने कारोबार को चलाने के लिए कम पूंजी है। पीएमएमवाई को शुरू हुए रविवार को तीन साल पूरे होने पर मोदी ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की। पीएम ने कहा कि इस क्षेत्र में आगे विकास की रफ्तार को बनाए रखने के लिए उनकी सरकार की ओर से सिलसिलेवार सुधार के कदम उठाए जा रहे हैं।

mudra yojana

On this day, three years ago the Mudra Yojana was launched to give wings to the aspirations of our citizens and harness the entrepreneurial energy among our youth. Three years on, I am delighted to see how Mudra Yojana has brought prosperity in the lives of many.

— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2018

मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र को संतोषजनक प्रोत्साहन मिल रहा है। एमएएसएमई ऐसा क्षेत्र है, जिसका भारत में बदलाव लाने के लिए काफी अहमियत है और हमारी सरकार इस क्षेत्र के विकास को बनाए रखने के लिए श्रृंखलाबद्ध सुधार के कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना युवाओं और महिलाओं में उद्यम और आत्मविश्वास की भावना बढ़ा रही है। गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु व सूक्ष्मा उद्यमों को 10 लाख रुपए तक कर्ज प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी।

पीएम ने कहा कि मुद्रा योजना के लाभार्थियों में काफी संख्या में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाएं व युवा शामिल हैं, जोकि प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि नागरिकों की आकांक्षाओं को प्रोत्साहन प्रदान करने और युवाओं की उद्यमी ऊर्जा का उपयोग करने के लिए पीएमएमवाई शुरू की गई थी। मोदी ने कहा कि मैं यह देखकर प्रसन्न हूं कि मुद्रा योजना से अनेक लोगों के जीवन में कितनी समृद्धि आई है।

प्रधानमंत्री ने योजना के लाभार्थियों को आमंत्रित करने और उनकी सफलता की कहानी साझा करने की इच्छा जताई और कहा कि वह कुछ लाभार्थियों से अपने आवास पर 11 अप्रैल को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के प्यारे मित्रों, मुद्रा योजना की सफलता की कहानियां जो आप जानते हैं, उनके बारे में मुझसे साझा करें। ऐसी कहानियां साझा करने वाले सोशल मीडिया जगत के कुछ मित्रों से मैं मिलना पसंद करूंगा।

क्‍या आपको भी आ रहा है मुद्रा लोन के नाम पर ये मैसेज तो हो जाइए सतर्क

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) एक नॉन-कॉर्पोरेट, नॉन-एग्रीकल्चर लघु/लघु उद्यमों को 10 लाख तक का लोन देने के लिए 8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई है. मुद्रा लोन वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी से लिया जा सकता है.

क्‍या आपको भी आ रहा है मुद्रा लोन के नाम पर ये मैसेज तो हो जाइए सतर्क

TV9 Bharatvarsh | Edited By: ऋचा बाजपेई

Updated on: Aug 27, 2021 | 6:36 PM

कुछ लोगों को पिछले कुछ समय एक मैसेज लगातार भेजा जा रहा है. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कम ब्‍याज दर पर 1 से 5 लाख रुपए तक लोन हासिल किया जा सकता है. क्‍या वाकई यह मैसेज सच है या फिर इसके पीछे कहीं आपके साथ धोखा करने की कोशिशें तो नहीं की जा रही हैं. जानिए इसकी पूरी सच्‍चाई. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन तरह से आपको 10 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है.

धोखाधड़ी का हो सकते हैं शिकार

सरकारी एजेंसी पीआईबी की तरफ से इस मैसेज को गलत करार दिया गया है. पीआईबी की तरफ से कहा गया है कि धोखाधड़ी के मकसद से भेजे गए एक मैसेज में यह दावा किया जा रहा है कि मुद्रा योजना के तहत 2% ब्याज पर 1 से 5 लाख रुपए तक का लोन मिल रहा है. यह आर्थिक धोखाधड़ी का एक प्रयास है. ऐसे किसी संदिग्ध लिंक या प्लेटफॉर्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें.

क्‍या है मुद्रा लोन योजना

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) एक नॉन-कॉर्पोरेट, नॉन-एग्रीकल्चर लघु/लघु उद्यमों को 10 लाख तक का लोन देने के लिए 8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई है. मुद्रा लोन वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, एमएफआई और एनबीएफसी से लिया जा सकता है. अगर कोई महिला मुद्रा लोन के लिए अप्लाई कोई महिला करती है तो उसे 0.25 फीसदी कम ब्याज दर पर यह उपलब्ध कराया जाता है.

तीन तरह से मिलता है लोन

मुद्रा लोन उन लोगों के लिए एक आसान जरिया है जो बिजनेस शुरू करने के लिए लोन मुहैया कराता है. अगर किसी के पास कोई बिजनेस प्लान है मगर उसके लिए कोई पूंजी और गारंटर नहीं मिल रहा है तो फिर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन एक आसान रास्‍त बन सकता है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन तरह से लोन मिलता है. अपनी जरूरत के हिसाब से शिशु, किशोर और तरूण लोन के तहत बैंक में अप्‍लाई किया जा सकता है.

शिशु लोन

अगर आप अपने नए शुरू होने वाले बिजनेस के लिए आर्थिक मदद की तलाश कर रहे हैं तो शिशु लोन आसान विकल्‍प है. आप इसके तहत अधिकतम 50,000 रुपए का लोन ले सकते हैं. 5 साल की पुनर्भुगतान अवधि के साथ इसकी ब्याज दर 10% से 12% सालाना है.

किशोर लोन

अगर आपका व्यवसाय पहले ही शुरू हो चुका है , लेकिन अभी तक स्थापित नहीं हुआ है तो इसके तहत आप 50,000 से 5 लाख रुपए के बीच लोन ले सकते हैं. ब्याज की दर लोन देने वाली संस्था के आधार पर अलग-अलग होती है.व्यवसाय की योजना के साथ-साथ आवेदक का क्रेडिट रिकॉर्ड ब्याज दर तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.लोन भुगतान की अवधि बैंक द्वारा तय की जाती है.

तरुण लोन

यह लोन उन लोगों के लिए है, जिनका व्यापर स्थापित हो चुका हो और उसे बढ़ाने और संपत्ति की खरीद के लिए धन की आवश्यकता होती है. इसमें लोन की राशि 5 लाख से 10 लाख के बीच है. ब्याज दर और भुगतान की अवधि योजना और आवेदक के क्रेडिट रिकॉर्ड पर आधारित होती है.

बड़े बिजनेस के लिए नहीं स्‍कीम

अगर आप छोटे कारोबारी हैं या छोटा कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री मुद्रा लोन में अप्लाई कर सकते हैं. यह लोन छोटी असेंबलिंग यूनिट, दुकानदार, फल/सब्जी बेचने साझा मुद्राएं वाले, फूड सर्विस यूनिट, मरम्मत की दुकानें, लघु उद्योग करने के लिए दिए जाते हैं. बहुत बड़े कारोबार के लिए यह स्कीम नहीं है.

कैसे करें अप्‍लाई

जब आप मुद्रा लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो तय एप्लीकेशन फॉर्म के साथ आइडेंटिटी प्रूफ जैसे आधार, वोटर आईडी, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस देना होगा और एड्रेस प्रूफ के तौर पर बिजली बिल, टेलीफोन बिल, गैस बिल, पानी बिल आदि और बिजनेस सर्टिफिकेट सबमिट करने होंगे.

एक देश जिसकी कोई मुद्रा नहीं है, लेकिन दुनिया भर का काला धन जमा है- GK in Hindi

क्या आप जानते हैं, दुनिया में एक देश ऐसा है जिसकी अपनी कोई मुद्रा नहीं है लेकिन दुनिया भर का काला धन उसके बैंकों में भी जमा है। यह देश जर्मनी का पड़ोसी नहीं है लेकिन इसकी भाषा जर्मन है। इस देश का क्षेत्रफल मात्र 160 स्क्वायर किलोमीटर और आबादी मात्र 35000 नागरिक है लेकिन इसके राजा, दुनिया के सबसे अमीर राज परिवारों में छठवें नंबर पर आते हैं।

लिस्टेंस्टीन के सबसे अमीर आदमी का नाम

इस देश का नाम है लिस्टेंस्टीन (हिंदी,लीख़्टेनश्टाइन- अंग्रेजी, Liechtenstein)। यह छोटा सा देश यूरोप में स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है। स्विट्जरलैंड की मुद्रा स्विस फ्रैंक, इस देश की भी राष्ट्रीय मुद्रा है। इस देश के सबसे अमीर आदमी साझा मुद्राएं का नाम है क्रिस्टोफर ज़ेल्लर, जो नकली दांत बनाने वाली एक कंपनी के मालिक हैं।

लिस्टेंस्टीन के बैंकों में भी बहुत सारा काला धन जमा है

सारी दुनिया का काला धन स्विस बैंकों में जमा है, लेकिन बहुत सारा काला धन लिस्टेंस्टीन के बैंकों में भी जमा है। क्योंकि लिस्टेंस्टीन, स्विट्जरलैंड का पड़ोसी देश है और इसकी मुद्रा भी स्विस फ्रैंक है इसलिए ज्यादातर लोग मानते हैं कि उनका पैसा स्विस बैंक में जमा है। जर्मनी के साथ लिस्टेंस्टीन के रिश्ते अच्छे नहीं है क्योंकि जर्मनी के कारोबारियों का काला धन भी लिस्टेंस्टीन कि बैंकों में जमा है लेकिन लिस्टेंस्टीन की मातृभाषा जर्मन है।

दुनिया का एकमात्र ओपन फॉर ऑल शाही भोज यहीं होता है

इस देश में कोई एयरपोर्ट नहीं है। इस देश की अपनी कोई आर्मी भी नहीं है। यदि आप इस देश में पर्यटन पर जाना चाहते हैं तो 15 अगस्त के दिन जाइए क्योंकि इस दिन लिस्टेंस्टीन का राज परिवार अपने महल में एक शाही भोज का आयोजन करता है। इस दिन वह पूरी दुनिया के नागरिकों को खुला आमंत्रण देता है। आप राज महल में शाही भोजन का आनंद ले सकते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

:- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। [email protected]

(general knowledge in hindi, gk questions, gk questions in hindi, gk in hindi, general knowledge questions with answers, gk questions for kids, )

RBI के गवर्नर का ऐलान, दिसंबर के अंत तक पहला डिजिटल करेंसी ट्रायल प्रोग्राम लॉन्च होगा

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर तक अपना पहला डिजिटल साझा मुद्राएं करेंसी ट्रायल प्रोग्राम लॉन्च कर सकता है। चीन, यूरोप और ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं (digital currency) को सीधे वाणिज्यिक उधारदाताओं (commercial lenders) या जनता के बीच लेकर आने का प्रयास कर रहे हैं।

rbi governer Shaktikanta Das

उन्हें कहा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक इसे कई रूप में समाने लेकर आ रहे हैं। इसके कई रूप हैं जैसे कुछ देश इसे ऑनलाइन संस्करण के रूप में लाना चाहते हैं। वहीं भारत के मामले ये डिजिटल रुपया होगा।

दास ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम इसे लेकर बेहद सावधान हैं क्योंकि यह पूरी तरह से एक नया प्रोडक्ट है, न सिर्फ आरबीआई के लिए, बल्कि विश्व स्तर पर।

गवर्नर के अनुसार आरबीआई अपनी सुरक्षा, भारत के वित्तीय क्षेत्र पर प्रभाव के साथ-साथ मौद्रिक नीति और प्रचलन में मुद्रा को कैसे प्रभावित करेगा, समेत डिजिटल मुद्रा के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रहा है ।

विकल्प की हो रही खोज

दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के लिए केंद्रीकृत खाते (centralized ledger) या विकेंद्रीकृत खाते (distributed ledger DLT) को लेकर विकल्प भी खोज रहा है। DLT एक डिजिटल डेटाबेस को संदर्भित करता है जो कई प्रतिभागियों को एक साथ लेनदेन तक पहुंचने, साझा करने और रिकॉर्ड करने की अनुमति देता है। वहीं एक केंद्रीकृत लेजर का मतलब है कि डेटाबेस स्वामित्व और एक एकल इकाई द्वारा संचालित होना है।

दास ने मीडिया से कहा कि उन्हें लगता है कि वर्ष के अंत तक हम इसका पहला परीक्षण शुरू करने के लिए सक्षम होंगे। इससे पहले आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने बीते महीने कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के लिए "चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति" की ओर काम कर रहा है।

डिजिटल मुद्राओं (digital currency) को लाने के प्रयास

गौरतलब है कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने नकदी के उपयोग में गिरावट और बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ती रुचि के बाद बीते एक साल में डिजिटल मुद्राओं को लाने के प्रयासों को आगे बढ़ाया है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना पहले से ही कई शहरों में डिजिटल करेंसी पर काम कर रही है। यूरोपीय केंद्रीय बैंक और इंग्लैंड के बैंक भी डिजिटल यूरो की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

रेटिंग: 4.78
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 201
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *