ऑनलाइन निवेश

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निवेश उत्पाद
बैंक ऑफ बड़ौदा पहली बार एवं अनुभवी निवेशकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस), बांड, एनसीडी, वैकल्पिक निवेश उत्पादों आदि की विस्तृत श्रृंखला पेश करता है.
म्यूचुअल फंड निवेश
- म्युचुअल फंड दीर्घावधि में मुद्रास्फीति से निपटने एवं कर-बचत प्रतिफल (रिटर्न) प्रदान करते हैं .
- निवेशक अपने जोखिम / रिटर्न प्रोफाइल के अनुसार विभिन्न आस्ति वर्गों जैसे इक्विटी, ऋण या सोने में निवेश कर सकते हैं.
वैकल्पिक निवेश उत्पाद
- वैकल्पिक निवेश उत्पादों का उपयोग करके पेशेवर प्रबंधित और विविध प्रकार की निवेश नीतियों की सुविधा प्राप्त करें.
- वैकल्पिक निवेश उत्पाद में पोर्टफोलियो प्रबंधित सेवा, संरचित उत्पाद आदि शामिल हैं.
बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता
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डिमैट खाता
आसान स्टोरेज एवं लेनदेन की सुविधा के लिए प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखें.
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
म्यूचुअल फंड निवेशकों को यूनिट जारी करके और प्रस्ताव दस्तावेज में बताए गए उद्देश्यों के अनुसार प्रतिभूतियों में फंड का निवेश करके धन जमा करने का एक साधन है.
प्रतिभूतियों में निवेश उद्योगों और क्षेत्रों के व्यापक क्रॉस-सेक्शन में फैला हुआ है और इस प्रकार इसमें अनेक प्रकार की जोखिम है क्योंकि सभी स्टॉक एक ही तरह से और एक ही समय में सामान अनुपात में नहीं चल सकते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा निवेशकों को उनके द्वारा निवेश किए गए धन की मात्रा के अनुसार इकाइयाँ जारी किया जाता है. म्यूचुअल फंड के निवेशकों को यूनिटहोल्डर के रूप में जाना जाता है.
इसके अंतर्गत लाभ या हानि निवेशकों द्वारा उनके निवेश के अनुपात में शेयर की जाती है. म्यूचुअल फंड आम तौर पर कई योजनाएं लेकर आते हैं जो समय-समय पर विभिन्न निवेश उद्देश्यों के साथ शुरू की जाती हैं.
म्यूचुअल फंड की किसी विशेष योजना का कार्यनिष्पादन इसके नेट आस्ति मूल्य (एनएवी) द्वारा दर्शाया जाता है.
म्यूचुअल फंड निवेशकों से जुटाए गए रकम को प्रतिभूति बाजार में निवेश करते हैं. सरल शब्दों में, एनएवी योजना द्वारा धारित प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य होता है. चूंकि प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य प्रत्येक दिन बदलता है, इसलिए किसी योजना का एनएवी भी दैनिक आधार पर बदलता रहता है. प्रति इकाई एनएवी किसी विशेष तिथि पर योजना की कुल इकाइयों की संख्या से विभाजित करके इसकी प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य होता है. उदाहरण के लिए, यदि म्यूचुअल फंड योजना की प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य रू. 200 लाख है और म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को 10 रुपये की 10 लाख इकाइयां जारी की हैं, तो फंड की प्रति यूनिट एनएवी 20 रुपये (यानी, 200) होगी. म्यूचुअल फंड द्वारा दैनिक आधार पर एनएवी का खुलासा करना आवश्यक होता है.
- परिपक्वता अवधि के अनुसार योजनाएं:
किसी म्यूचुअल फंड योजना को उसकी परिपक्वता अवधि के आधार पर ओपन-एंडेड योजना या क्लोज-एंडेड योजना क्र रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.
ओपन-एंडेड फंड / योजना
एक ओपन-एंडेड फंड या योजना वह है जो निरंतर आधार पर सदस्यता और पुनर्खरीद के लिए उपलब्ध होता है. इन योजनाओं की कोई निश्चित परिपक्वता अवधि नहीं होती है. निवेशक आसानी से प्रति यूनिट नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) पर यूनिट खरीद और बेच सकते हैं जिसे दैनिक आधार पर घोषित किया जाता है. ओपन-एंड योजनाओं की प्रमुख विशेषता तरलता(लिक्वीडीटी है
क्लोज-एंडेड फंड / योजना
क्लोज-एंडेड फंड या स्कीम के अंतर्गत एक निर्धारित परिपक्वता अवधि होती है, जैसे, 3-5 साल. योजना के शुभारंभ के समय एक निर्दिष्ट अवधि के दौरान ही फंड सदस्यता के लिए खुला रहता है. निवेशक नए फंड की पेशकश के समय इस योजना में निवेश कर सकते हैं और बाद में वे स्टॉक एक्सचेंजों पर योजना की इकाइयों की खरीद या बिक्री कर सकते हैं जहां इकाइयां सूचीबद्ध हैं. निवेशकों को एक एक्जिट मार्ग प्रदान करने के लिए, कुछ क्लोज-एंडेड फंड एनएवी से संबंधित कीमतों पर आवधिक पुनर्खरीद के माध्यम से यूनिट को म्यूचुअल फंड को फिर से बेचने का विकल्प देते हैं.
किसी योजना को उसके निवेश के उद्देश्य पर विचार करते हुए विकास योजना, आय योजना या संतुलित योजना के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है. इस तरह की योजनाएं ओपन-एंडेड या क्लोज-एंडेड कोई भी हो सकती हैं जैसा कि इससे पूर्व सूचित किया है. ऐसी योजनाओं को मुख्य रूप से निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है:
विकास/इक्विटी उन्मुख योजना
ग्रोथ फंड का उद्देश्य मध्यम से लंबी अवधि में पूंजी वृद्धि प्रदान करना है. ऐसी योजनाएं आम तौर पर अपनी निधि का का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी में निवेश करती हैं. ऐसे फंडों में तुलनात्मक रूप से उच्च जोखिम निहित होता है. ये योजनाएं निवेशकों को लाभांश विकल्प एवं विकास जैसे विभिन्न विकल्प प्रदान करती हैं और निवेशक अपनी पसंद के आधार पर किसी विकल्प का चयन कर सकते हैं. निवेशकों द्वारा अपने आवेदन पत्र में ऐसे विकल्प का उल्लेख करना चाहिए. म्यूचुअल फंड अपने निवेशकों को इसकी तारीख के बाद भी अपना विकल्प बदलने की अनुमति भी प्रदान करते हैं.. दीर्घावधि के दृष्टिकोण वाले निवेशकों के लिए ऐसी विकास योजनाएं अच्छी होती हैं, जो समय की अवधि में इसमें बढ़ोत्तरी चाहते हैं.
आय/ऋण उन्मुख योजना
आय फंड का उद्देश्य निवेशकों को नियमित और निश्चित आय प्रदान करना है. ऐसी योजनाएं आम तौर पर निश्चित आय प्रतिभूतियों जैसे बांड, कॉर्पोरेट डिबेंचर, सरकारी प्रतिभूतियों और मुद्रा बाजार के साधनों में अपना निवेश करती हैं और ऐसे फंड इक्विटी योजनाओं की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं.
हालांकि, ऐसे फंड्स में कैपिटल एप्रिसिएशन के अवसर भी सीमित होते हैं. देश में ब्याज दरों में होने वाले बदलाव के कारण ऐसे फंडों की एनएवी प्रभावित होती है. ब्याज दरें कम होने पर ऐसे फंडों के एनएवी में अल्पावधि में वृद्धि होने की संभावना रहती है और ब्याज दर में वृद्धि होने पर इसके विपरीत प्रभाव पड़ता है. तथापि दीर्घावधि के निवेशक इन उतार-चढ़ावों से परेशान नहीं हो सकते हैं.
संतुलित योजनाओं का उद्देश्य विकास और नियमित आय दोनों ही प्रदान करना है क्योंकि ऐसी योजनाएं इक्विटी और निश्चित आय प्रतिभूतियों दोनों में इनके प्रस्ताव दस्तावेजों में दर्शाए अनुपात में निवेश करती हैं. ये मध्यम वृद्धि की तलाश कर रहे निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं. शेयर बाजारों में शेयर की कीमतों में उतार चढ़ाव होने के कारण भी ये फंड प्रभावित होते हैं. हालांकि, ऐसे फंडों के एनएवी के शुद्ध इक्विटी फंड की तुलना में अस्थिर होने की संभावना कम होती है.
ऑनलाइन निवेश
निवेश मित्र (सिंगल विंडो क्लीयरेंस)
“निवेश मित्र” की परिकल्पना एक सरल, उपयोक्ता अनुकूल तथा उद्यमी केन्द्रित वेब एप्लीकेशन के रूप में की गई थी जो विद्यमान एवं आगामी निवेशकों तथा उद्यमियों को संबन्धित विभाग से ऑनलाइन अनापत्ति प्रमाणपत्र/क्लीयरेंस न्यूनतम प्रयास व “भागदौड़” के प्राप्त करने ऑनलाइन निवेश में सक्षम बनाता है ।
जो उद्यमी लघु, मध्यम एवं वृहद पैमाने का उद्योग स्थापित कर रहे हैं, उन्हें इस माध्यम से आवेदन अवश्य प्रस्तुत करना होगा । उद्यमी अपने आवेदनों के प्रक्रिया शुल्क के रूप में इंटेरनैट बैंकिंग, राजकोष तथा अन्य ऑनलाइन माध्यमों से भुगतान कर सकते हैं । यह एप्लिकेशन एक निश्चित समय सीमा के भीतर आवेदकों को उनके आवेदन की वर्तमान स्थिति देखने में भी सहायता करती है । यह पोर्टल क्रमागत तथा समयबद्ध रूप से विभिन्न विभागों से बिना वास्तविक भ्रमण के ही क्लीयरेंस प्राप्त में सहायता प्रदान करता है | निवेश मित्र पोर्टल सभी संबन्धित विभागों के विषय में सूचनाएँ, शासनादेश, प्रोसेस फ़्लो उनके नियमावलियों व दिशानिर्देश सहित प्रदान करता है | निवेश मित्र सम्पूर्ण राज्य में लागू है |
घर बैठे म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश और किस म्यूचुअल फंड में लगाएं पैसा?
बाजार में उतार चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा बेहतर विकल्प
Written by: Sarabjeet Kaur
Updated on: June 22, 2020 20:24 IST
Photo:GOOGLE
Mutual Fund investment
नई दिल्ली। कोरोना संकट में आर्थिक स्थिति बिगड़ने से लोग पहले के मुकाबले निवेश को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं। निवेशक अब अपना पैसा सुरक्षित और सही जगह पर लगाना चाहते हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि जिन्हें शेयर बाजार का ज्यादा ज्ञान नहीं है उनके लिए आज भी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता हैं। ऐसे में कई लोग हैं जो घर बैठे ही बिना किसी ब्रोकर या एजेंट की मदद से म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना चाहते हैं। अगर आप भी चाहते हैं बेहतर तरीके से म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश करना और जानना चाहते हैं कि वो कौन से ऐसे म्यूचुअल फंड है जहां आपको पैसा लगाना चाहिए तो पढ़िए ये खास रिपोर्ट।
कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश?
· किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले ये जानना जरुरी है कि म्यूचुअल फंड आखिर होता क्या है? निवेशकों से लेकर म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर बाजार में पैसा लगाती है और उसके बदले निवेशकों से उसका चार्ज भी करती हैं। माना जाता है कि एसआईपी के जरिए यानी की सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी सही रहता है।
· निवेशक जिस भी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं उसके वेबसाइट में सीधे जाकर या फिर ब्रोकर के जरिए निवेश कर सकते हैं
· लेकिन, अगर बिना किसी ब्रोकर के कमीशन चार्ज दिए आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो कई मनी ऐप के जरिए निवेश किया जा सकता है
· ध्यान रहे कि आप जिस भी म्यूचुअल फंड को किसी ब्रोकर की मदद से लेंगे उसे रेगुलर प्लान कहा जाएगा जिसमें आपको कमीशन चार्ज देना पड़ेगा
· वहीं अगर आप खुद से फंड में निवेश करते हैं तो वो डायरेक्ट प्लान के अंदर आएगा और किसी तरह का कमीशन चार्ज नहीं होगा। लंबी अवधि के निवेशकों को खुद से निवेश करने में ज्यादा फायदा होता है।
· निवेशकों को बस सही तरीके से फंड के बारे रिसर्च करना जरुरी होता है। वहीं ये भी जानना है आवश्यक होता है कि किन शेयरों में कंपनी ने पैसा लगाया हुआ है
· म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अपने KYC को अपडेट करना पड़ता है। जैसे ही आप पैन नंबर के साथ आधार नंबर की डिटेल्स देंगे आपके निवेश की सारी जानकारी फंड हाउस को मिल जाएगी
· घर बैठे कई मोबाइल ऐप जैसे कि ET Money, PAYTM Money, CAMS, KTrack Mobile app, Groww, Zerodha Coin जैसे ऐप के जरिए डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं
· ध्यान दें कि पहले इन ऐप की जानकारी अच्छी तरह से लेना अनिवार्य है
· पता कर लें कि ऐप कितने सहीं है और इन ऐप के जरिए पैसा म्यूचुअल फंड में लगाना कितना सुरक्षित है
· कुछ मोबाइल ऐप नाम मात्र का कमिशन चार्ज करते हैं जिनका असर निवेशकों की रकम पर कुछ खास नहीं पड़ता है।
पैसाबाज़ार डॉट कॉम के डायरेक्टर एंड ग्रुप हेड (इंवेस्टमेंट) साहिल अरोड़ा के मुताबिक- “अब कोई भी व्यक्ति मोबाइल ऐप या विभिन्न ऑनलाइन फाइनेंशियल पोर्टल, फंड हाउस, एमएफ डिस्ट्रीब्यूटर और आरटीए की वेबसाइट द्वारा म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश कर सकता है। हालांकि, फंड हाउस और आरटीए की वेबसाइटों या ऐप के माध्यम से निवेश कई आईडी और पासवर्ड के कारण बोझिल हो सकता है। इसलिए, ऑनलाइन निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल के माध्यम से निवेश करना है, जो निवेशकों को एक ही एमएफ पोर्टफोलियो के अंतर्गत कई म्यूचुअल फंड में अपना निवेश करने में सक्षम बनाता है”।
· ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल या ऐप के जरिए निवेशक कई सेवाओं का फायदा उठा सकता है।
· निवेश ऑनलाइन निवेश का निर्णय लेने में निवेशकों की मदद करने के लिए अपनी ओर से कुछ एमएफ फंड की सिफारिश करते हैं, बाज़ार विश्लेषण, विभिन्न एमएफ टूल, कैलकुलेटर भी प्रदान करते हैं
· साहिल का कहना है कि “म्यूचुअल फंड और फंड बाज़ार की जानकारी ना रखने वाले भी इन ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल के माध्यम से बिना कोई अतिरिक्त पैसा दिये डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं”
कौन से म्यूचुअल फंड में करें निवेश?
चार तरह के म्यूचुअल फंड्स हैं जिनमें निवेश किया जा सकता है।
1.इक्विटी म्यूचुअल फंड
2.डेट म्यूचुअल फंड
3.हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
4.सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड
हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव काफी देखने को मिल रहा है ऐसे में निवेशकों को अपने जरुरत के हिसाब से किसी भी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है। काफी फंड्स से NAV में गिरावट देखने को भी मिल रही है। इसलिए, जो बेहतर रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड्स हैं उनमें लंबी अवधि के लिए मौजूदा स्तर में निवेश किया जा सकता है।
बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं- “लंबी अवधि के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स को अच्छी तरह से जांच लें और उनके द्वारा शेयर बाजार में कंपनियों के निवेश, फंडामेंटल्स को देख लें। साथ ही बाजार के हिसाब से क्या सही है क्या गलत उसकी पूरी जानकारी नोट करते रहें। अगर अगले 6 महीनों में उन फंड्स में कोई बेहतर बदलाव नहीं दिखे तो फिर से एक बार दूसरे फंड्स की भी जानकारी लें या फिर कुछ दिन उन्ही फंड्स में निवेश को बरकरार रखें। अगर आप किसी तरह के रिस्क को नहीं ले सकतें तो किसी और बेहतर म्यूचुअल फंड में लंबे या मध्यम अवधि के लिए पैसा लगा सकते हैं”।
छोटी अवधि के निवेशकों को सलाह है कि वो थोड़ा बाजार के संभलने का इंतजार करें और धीरे-धीरे अपने इक्विटी इनवेस्टमेंट को डेट फंड्स में निवेश करके बदलें।
शेट्टी के मुताबिक-“ज्यादातर निवेशकों को सलाह है कि वो कुछ 6 महीने तक बाजार की चाल को ध्यान से देखें। उसके बाद ही निवेश करें ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके”।
म्यूचुअल फंड्स जिनमें निवेश किया जा सकता है:
· अगर मल्टी कैप फंड की बात करें तो इन्वेसको इंडिया कॉण्ट्रा फंड, एक्सिस मल्टीकैप फंड और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल मल्टीकैप फंड में निवेश करें
· निफ्टी 100 इन्डेक्स, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल निफ्टी इन्डेक्स और निप्पॉन इंडिया इन्डेक्स निफ्टी फंड
· अल्ट्रा-शॉर्ट फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल अल्ट्रा-शॉर्ट फंड, एक्सिस अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म और आईडीएफसी अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म निवेश के लिए सही विकल्प है
· अगर निवेशक इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचना चाहते हैं, वो ईएलएसएस फंड जैसे कि – मीराए एसेट टैक्स सेवर, इन्वेस्को इंडिया टैक्स, एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी या आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लॉन्ग टर्म इक्विटी में लॉक-इन करके निवेश कर सकते हैं।
साहिल अरोड़ा ये भी कहते हैं कि –“मल्टी-कैप फंड में निवेश करें क्योंकि वो बाज़ार में सभी क्षेत्रों और मौजूद सभी छोटी-बड़ी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, उनके ऊपर निवेश के लिए सेबी द्वारा कोई सीमा नहीं लगाई गई है। निवेशकों को अपना 20% इन्डेक्स फंड में भी निवेश करना चाहिए क्योंकि इन फंड का रिटर्न संबंधित बेंचमार्क के साथ घटता-बढ़ता है और बेंचमार्क इन्डेक्स में मौजूद कंपनियों की जितनी हिस्सेदारी होती है फंड का निवेश उनमें उसी तरह बटा होता है।
इसलिए अगर मैनेज फंड बाज़ार में मंदी के दौरान लाभ नहीं कमा पाते हैं तो निवेशक इन्डेक्स फंड के द्वारा बाज़ार में उछाल आते ही तुरंत लाभ कमा सकता है।
तीन ऑनलाइन निवेश वर्ष से कम के निवेश के लिए, निवेशकों को अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड में निवेश करना सही विकल्प है। छोटी अवधि में इक्विटी में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है हैं और कोरोना के वजह से शेयर बाज़ार में मंदी कब तक रहेगी ये कहना फिलहाल किसी भी जानकार के लिए मुश्किल है। ऐसे में अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड इक्विटी-फंड के मुकाबले अधिक सुरक्षित होते हैं और बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट से अधिक रिटर्न देते हैं।
किसी भी फंड में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की जानकारी अवश्य लें। साथ ही हर फंड का 3-5 साल का प्रदर्शन जरुर देखें। कंपनी के बेंचमार्क के साथ फंडामेंटल्स को जांच लें ताकि भविश्य में ज्यादा नुकसान झेलना नहीं पड़े। बेंचमार्क अगर लगातार किसी फंड का बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तो उस फंड हाउस में निवेश करना बेहतर रिटर्न दे सकता है। साथ ही निवेश से पहले ऑनलाइन ब्रोकरेज हाउसेज द्वारा फंड्स को दिए गए रेटिंग और रिटर्न को चेक जरुर करें।
सूरत : सोफिया ने फोन पर गोल्ड में ऑनलाइन निवेश के लिये ललचाया और फिर.
पहले आया एक अंजान मैसेज, फिर शुरू हुई बातचीत, फिर इन्वेस्टमेंट के बहाने लगा दिया चूना
साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है कि सूरत के नाना वराछा में ऑनलाइन अमरेली के रसोई के उपकरण बेचने वाले युवक से ठगों के एक गिरोह ने सोने में निवेश के नाम पर 13.77 लाख रुपये की ठगी की।
क्या है पूरा मामला
साइबर क्राइम थाना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरत में नाना वराछा खतमधाम चौक के पास योगेश्वर सोसाइटी बी 100 में रहने वाले और मूल रूप से अमरेली के रहने वाले 32 वर्षीय राजेश रतिलालभाई कचड़िया सरथाना सिल्वर बिजनेस हब में ओम शिव एंटरप्राइजेज के नाम से ऑनलाइन रसोई का सामान बेचते हैं। अक्टूबर 2021 में, उनके व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से एक संदेश आया, जिसमें पूछा गया था, "क्या आप मुंबई दुर के लिए मेरे टूर गाइड हैं?" राजेश के मना करने पर कुछ देर बाद फिर से मैसेज आया, उस व्यक्ति ने अपनी पहचान सिंगापुर की सोफिया के रूप में बताई, जो यूबेस्ट-नमस्तेमैनेज कंपनी में गोल्ड इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट का काम करती है और उसे सिंगापुर का नंबर दिया। बाद में दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई।
इस तरह से हड़पे पैसे
उसके बाद सोफिया ने राजेश को एक लिंक भेजा। जिसे राजेश ने खोला तो खोलने पर यह UBest-नमस्ते का वेबसाइट का खुला। कुछ समय बाद, सोफिया ने ट्रेडिंग से अच्छे रिटर्न्स मिलने और पैसे मिलने का लालच करे हुए इसका ऐप डाउनलोड करके राजेश का एक खाता बनावाया। इसके बाद सोफ़िया ने राजेश को अधिक लाभ का लालच देते हुए ऐप में निवेश के बहाने अधिक लाख रुपये जमा करा लिए। राजेश ने इस बीच में से पैसे निकाले। लेकिन लाखों का निवेश करने के बाद जब पैसा नहीं निकला और सारा पैसा अटक गया तो उसने सोफिया ऑनलाइन निवेश से इसके बारे में पूछा। सोफिया ने केवल एक तकनीकी समस्या होने का नाटक कर पैसे आ जाने की बात कही। थोड़े समय बाद 14.43 लाख में से मात्र 65 हजार वापस आने पर राजेश को अपने साथ हुई ठगी का पता चला है। इसके बाद राजेश ने साइबर क्राइम ब्रांच में सोफिया और उसके गिरोह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।