विशेषज्ञों के कुछ सुझाव

निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह
स्माल सेविंग्स इन्वेस्टर्स बेहतर इन्फ्लेशन अडजस्टेड रिटर्न के लिए डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर भी विचार कर सकते हैं. डेट फंड विशेष रूप से, लिक्विड और अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड इमरजेंसी के लिए लिक्विडिटी चाहने वालों के लिए उपयुक्त हैं. पिछले एक साल में उन्होंने औसतन 4 से 6% का रिटर्न दिया है. साथ ही यह बहुत अधिक टैक्स एफ्फिसिएंट होते हैं. खासकर जब आप व्यवस्थित निकासी योजना का लाभ उठाते हैं. क्योंकि आप केवल लाभ पर टैक्स का भुगतान करते हैं, न कि निकाली गई पूरी राशि पर.

black box

म्यूचुअल फंड में हर महीने 10 हजार रुपये का करें निवेश, छोटी अवधि में मिलेंगे करीब 15 लाख रुपये

By: ABP Live | Updated at : 24 Mar 2022 04:09 PM (IST)

म्यूचुअल फंड में निवेश

बदलते समय के साथ लोगों के निवेश के ऑप्शन्स में भी बड़े बदलाव आ रहे हैं. म्यूचुअल फंड निवेश का एक बेहद लोकप्रिय ऑप्शन बन चुका है.इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को 15 से 30 प्रतिशत का बड़ा रिटर्न दिया है. इसके साथ ही यह कम मार्केट रिस्क पर काम करता है. अगर निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम या ELSS म्यूचुअल फंड आपके लिए निवेश का एक बेहतरीन ऑप्शन है.

सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान हैं बहुत फायदेमंद
इसमें निवेश करने का सबसे बड़ा लाभ यह मिलता है कि इसमें आपको रिटर्न तो अच्छा मिलता ही है लेकिन, इसके साथ जोखिम भी बहुत कम रहता है.इसमें निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है.

निवेशकों की पहली पसंद बन रहा इक्विटी मार्केट, यह है वजह

  • Teena Jain Kaushal
  • Publish Date - September 18, 2021 / 12:25 PM IST

निवेशकों की पहली पसंद बन रहा इक्विटी मार्केट, यह है वजह

एक्सपर्ट्स की सलाह रहती है कि निवेशक रिस्क को कम करने के लिए SIP का विकल्प भी चुन सकते हैं. नए निवेशकों को सारा पैसा एक ही जगह न लगाकर पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का प्रयास करना चाहिए

आज के समय में स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर इंटरेस्ट रेट काफी कम हो गए हैं. कंजर्वेटिव निवेशकों का पसंदीदा पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) वर्तमान में 7.1% रिटर्न की पेशकश कर रहा है. इसी तरह सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) सिर्फ 7.4% का ब्याज दे रही है.

निवेशकों को लुभा रहा इक्विटी बाजार

शेयर बाजार में चल रही रैली से मंथली सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बुक पहले ही 10,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है. गिरती ब्याज दरों के साथ-साथ इक्विटी बाजारों से मिल रहे अच्छे रिटर्न ने इक्विटी निवेश को आकर्षक बना दिया है.

इक्विटी बाजार में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को लार्ज-कैप फंडों में निवेश करने की सलाह दी जाती है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रिस्क प्रोफाइल, समय सीमा और लिक्विडिटी की जरूरतों का आंकलन करने के बाद ही इक्विटी में निवेश करना चाहिए.

एक्सपर्ट्स की सलाह रहती है कि निवेशक रिस्क को कम करने के लिए SIP का विकल्प भी चुन सकते हैं. नए निवेशकों को सारा पैसा एक ही जगह न लगाकर पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का प्रयास करना चाहिए. हालांकि कम ब्याज दरों को देखते हुए विकल्प की तलाश में फिक्स्ड इनकम वाले निवेशक इन विकल्पों पर विचार कर रहे हैं –

वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF)

वेतनभोगी लोग अपने वेतन का 12% एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (EPF) में जमा करते हैं. वर्तमान में EPF 8.5% की ब्याज दर प्रदान करता है. लेकिन जो लोग अधिक जमा करना चाहते हैं, वे वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. अच्छी बात यह है कि यहां अर्जित ब्याज के साथ-साथ संचयन निकासी पर भी कोई टैक्स नहीं लगता.

लेकिन VPF बढ़ाते समय बजट में पेश किए गए नए नियमों को ध्यान में रखें. इसके मुताबिक अगर सालाना PF योगदान 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो अर्जित ब्याज अधिक राशि पर टैक्स के अधीन होगा. साथ ही एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन नहीं होने पर सीमा बढ़कर 5 लाख रुपये हो जाती है.

फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड

फ्लोटिंग रेट निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह सेविंग्स बॉन्ड में ब्याज की परिवर्तनीय दर होती है. ये बॉन्ड भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और सात साल की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं. इसमें ब्याज दर 7.15% निर्धारित होती है. यह ब्याज दर हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को अर्ध-वार्षिक अंतराल पर देय होती है. टैक्सेबिलिटी के मुताबिक आपके निवेश से मिलने वाले रिटर्न को आय में जोड़ा जाता है और टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है.

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर सालाना 5-6% का रिटर्न देती है. दूसरी ओर कॉरपोरेट डिपॉजिट बैंक डिपॉजिट की तुलना में 6-8% रिटर्न देते हैं. निवेशकों को यह समझना चाहिए कि कॉरपोरेट डिपॉजिट अधिक रिटर्न केवल इसलिए देते हैं क्योंकि वे जोखिम भरे होते हैं. इसीलिए एक्सपर्ट्स की निवेशकों को सलाह रहती है कि ज्यादा रिटर्न पाने के लिए कम रेटिंग वाली FD की तलाश न करें. इसके अलावा जमा से अर्जित ब्याज ‘अन्य स्रोतों से आय’ के रूप में टैक्स योग्य है और इसमें स्लैब दर के अनुसार टैक्स लगाया जाता है.

वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF)

वेतनभोगी लोग अपने वेतन का 12% एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (EPF) में जमा करते हैं. वर्तमान में EPF 8.5% की ब्याज दर प्रदान करता है. लेकिन जो लोग अधिक जमा करना चाहते हैं, वे वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. अच्छी बात यह है कि यहां अर्जित ब्याज के साथ-साथ संचयन निकासी पर भी कोई टैक्स नहीं लगता.

लेकिन VPF बढ़ाते समय बजट में पेश किए गए नए नियमों को ध्यान में रखें. इसके मुताबिक अगर सालाना PF योगदान 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो अर्जित ब्याज अधिक राशि पर टैक्स के अधीन होगा. साथ ही एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन नहीं होने पर सीमा बढ़कर 5 लाख रुपये हो जाती है.

फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड

फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड में ब्याज की परिवर्तनीय दर होती है. ये बॉन्ड भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और सात साल की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं. इसमें ब्याज दर 7.15% निर्धारित होती है. यह ब्याज दर हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को अर्ध-वार्षिक अंतराल पर देय होती है. टैक्सेबिलिटी के मुताबिक आपके निवेश से मिलने वाले रिटर्न को आय में जोड़ा जाता है और टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है.

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर सालाना 5-6% का रिटर्न देती है. दूसरी ओर कॉरपोरेट डिपॉजिट बैंक डिपॉजिट की तुलना में 6-8% रिटर्न देते हैं. निवेशकों को यह समझना चाहिए कि कॉरपोरेट डिपॉजिट अधिक रिटर्न केवल इसलिए देते हैं क्योंकि वे जोखिम भरे होते हैं. इसीलिए एक्सपर्ट्स की निवेशकों को सलाह रहती है कि ज्यादा रिटर्न पाने के लिए कम रेटिंग वाली FD की तलाश न करें. इसके अलावा जमा से अर्जित ब्याज ‘अन्य स्रोतों से आय’ के रूप में टैक्स योग्य है और इसमें स्लैब दर के अनुसार टैक्स लगाया जाता है.

कोविड हाहाकार के बीच शेयर बाजार मालामाल?अब क्या हो निवेश की रणनीति

कोविड हाहाकार के बीच शेयर बाजार मालामाल?अब क्या हो निवेश की रणनीति

कोविड के बढ़ते मामलों के बावजूद शेयर बाजार की रौनक ने सबको हैरत में डाल दिया है. कुछ लोग इसे भारतीय अर्थव्यवस्था पर निवेशकों के भरोसे के तौर पर देखते हैं. जबकि कुछ अन्य इसे आने वाले दिनों में बड़े करेक्शन का संकेत मानते हैं. लगातार 4 दिन चढ़ने के बाद अब बाजार बीते 2 सेशन में करीब 1.5% कमजोर हुआ है. आखिर क्यों नहीं है कोविड का बाजार पर असर? एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले समय में कैसा रहेगा मार्केट और क्या हो बाजार में सही रणनीति? आइए जानते हैं-

शेयर बाजार की हालिया चाल:

देश में कुल कोविड मामले और मृत्यु का आंकड़ा अपने शिखर के करीब है. इसके बावजूद बीते 2 हफ्तों में शेयर बाजार चढ़ा है. 30 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में निफ्टी नेट आधार पर 2.02% मजबूत हुआ था. वहीं, 7 मई को समाप्त हुए कारोबारी हफ्ते में भी NSE निफ्टी 1.31% चढ़ा. इन दोनों हफ्तों में सर्वाधिक चढ़ने वाले शेयरों ने करीब 17% और 14% तक का बड़ा मुनाफा भी बनाया था. बाजार में लगातार कई शेयर अपना नया शिखर बना रहे हैं. मंगलवार 11 मई को टूटने से पहले बाजार में 4 दिनों की तेजी देखी गई थी. आखिरी दो दिनों में बाजार के वैल्यूएशन में सुधार आया है.

बाजार के तेजी के पीछे कुछ अहम वजहें हैं. मार्च तिमाही के वित्तीय रिजल्ट्स में ज्यादातर कंपनियों का प्रदर्शन उत्साहजनक रहा है. बीते हफ्ते RBI ने अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए कुछ अहम घोषणाएं भी की थी. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के निरंतर आगे बढ़ने से भी निवेशकों द्वारा मार्केट में अच्छी खरीदारी की जा रही है.

निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

Multibagger Stock: एक लाख रुपये को बनाया एक करोड़, नए निवेशकों के पैसे को डबल कर देगा यह आईटी शेयर!

Multibagger Stock: महज एक लाख के निवेश पर करोड़पति बनाने वाले इस आईटी स्टॉक में नए निवेशकों के पैसे को बहुत कम समय में डबल करने की क्षमता है!

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MULTIBAGGER STOCK: BLACKBOX को लेकर निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह एक्सपर्ट्स का रूझान बुलिश दिख रहा है। इसमें मौजूदा भाव पर निवेश कर अपने पैसे को दोगुना करने का सुनहरा मौका है।

मुंबई। Multibagger Stock: आईटी सेवाएं मुहैया कराने वाली दिग्गज कंपनी BlackBox (पूर्व नाम एजीसी नेटवर्क) को लेकर एक्सपर्ट्स का रूझान बुलिश दिख रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसमें मौजूदा भाव पर निवेश कर अपने पैसे को दोगुना करने का सुनहरा मौका है। खराब दौर से गुजर रही ऐसी कंपनियों जिनमें वैश्विक स्तर पर उपस्थिति का दम है, उसे खरीदकर मुनाफे में लाने वाली ब्लैकबॉक्स ने निवेशकों को महज एक लाख के निवेश में करोड़पति बनाया है। अब नए निवेशकों को अपने पैसे को कम समय में डबल करने का मौका है।

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