कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं

गोल्ड में कैसे 3 अलग-अलग तरीकों से इन्वेस्ट करें?
दिवाली की शुरुआत मानी जाने वाली धनतेरस धन और समृद्धि का उत्सव है। दशकों से, भारतीय इस दिन अपने स्थानीय ज्वैलर्स से सोना खरीदने के लिए जाते हैं। यह गोल्ड की खरीद के लिए साल का सबसे शुभ दिन माना जाता है, यही वजह है कि आपको ज्वेलरी की दुकानों पर महिलाओं की भारी भीड़ देखी जाती हैं, जिनमें पुरुष भी पीछे नहीं हैं।
हालांकि, समय बदल रहा हैं। इन दिनों सोना खरीदने के कई तरीके हैं, खासकर अगर आप इसे निवेश के नजरिए से देख रहे हैं। तो यहां इस धनतेरस पर सोना खरीदने के तीन गैर-पारंपरिक तरीके बताए गए हैं, जो भविष्य में आपके लिए लाभदायक साबित होंगे:
गोल्ड का सिक्का और बार
परंपरागत रूप से, लोगों ने हमेशा किसी अन्य क़ीमती सामान की तुलना में गोल्ड के ज्वैलरी खरीदना पसंद किया है। हालांकि, गहनों में इस्तेमाल किया जाने वाला सोना कभी भी 100% शुद्ध नहीं होता है और इसमें मेकिंग चार्ज भी शामिल होता है। अगर आप किसी आपात स्थिति में अपने ज्वैलरी बेचने का फैसला लेते हैं तो यह फायदेमंद नहीं हो सकता है।
गोल्ड के सिक्कों और बार में निवेश करना पूरी तरह से सोना खरीदने का एक गैर-पारंपरिक तरीका नहीं है क्योंकि यह अभी भी फिजिकल गोल्ड है। लेकिन यह निश्चित रूप से एक बेहतर विकल्प है क्योंकि शुद्धता का स्तर 99.5% या उससे अधिक है और ये सिक्के और बार बीआईएस हॉलमार्क के साथ आते हैं।
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड हैं जो गोल्ड की बदलती कीमतों पर निर्भर करता हैं। इनमें इन्वेस्ट करने से आपको दोहरी लाभ मिलती है क्योंकि आप न केवल गोल्ड में इन्वेस्ट कर रहे हैं बल्किआपको स्टॉक्स में ट्रेडिंग का मौका भी मिल रहा हैं।
इन्वेस्ट कम जोखिम और जो लोग अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते है, उन लोगों के लिए आदर्श हैं। आप ऑनलाइन गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं क्योंकि वे बहुत लचीले हैं और आप आसानी से प्रवेश और बाहर निकल सकते हैं। इन्वेस्ट की जरूरत भी बहुत कम है; आप कम से कम एक ग्राम गोल्ड के साथ शुरु कर सकते हैं।
गोल्ड बांड
गोल्ड बॉन्ड फिजिकल गोल्ड के एक सुरक्षित विकल्प के रूप में वे लागत और भंडारण के जोखिम को खत्म कर रहा हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सरकार की ओर से जारी किए गए ये ऐसी प्रतिभूतियां हैं जिनकी गणना गोल्ड के वजन के आधार पर की जाती है। बांड में उल्लिखित वजन डीमैट और कागज के रूप में, उस मात्रा में गोल्ड को खरीदने और रखने के समान हैं।
अगर आपके पास तत्काल फंड नहीं है, लेकिन अभी भी कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आप गोल्ड फ्यूचर्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह आपको एक निश्चित तिथि पर पहले से निर्धारित मूल्य पर गोल्ड की एक निर्धारित मात्रा खरीदने की अनुमति देता है। आपको केवल कैश डिपाजिट करके ब्रोकर के माध्यम से फ्यूचर्स अनुबंध की व्यवस्था करने की आवश्यकता हैं।
एचडीएफसी बैंक आपको इस धनतेरस पर गोल्ड में इन्वेस्ट करने के दो तरीके ऑफर कर रहा है। पहला है भारतीय गोल्ड का सिक्का, जो बीआईएस हॉलमार्क के साथ आता है और सरकार द्वारा प्रचारित यह पहली पेशकश है। दूसरा विकल्प है मुद्रा गोल्ड बार, जो विशेष रूप से स्विट्जरलैंड से आयात किया जाता है।
दोनों परख प्रमाणन के साथ आते हैं, जिसे गोल्ड की शुद्धता के लिए एक मानक के रूप में विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाता है। वे चुनिंदा शहरों में उपलब्ध हैं और कई सुरक्षा सुविधाओं के साथ आते हैं जो छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते हैं। एचडीएफसी बैंक उन कुछ बैंकों में से एक है जिन्हें भारत में अपने ग्राहकों को सोना के आयात और बिक्री के लिए आरबीआई से मंजूरी मिली है।
एचडीएफसी बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक अन्य विकल्प है। ये प्रति वर्ष 2.5% की सुनिश्चित ब्याज दर प्रदान करते हैं। आप नेट बैंकिंग और अपने एचडीएफसी बैंक डीमैट अकाउंट के माध्यम से आसानी से इन्वेस्ट का आनंद ले सकते हैं। बांड का कार्यकाल आठ साल का होता है, जिसमें पांचवें साल से एग्जिट का विकल्प शुरू होता है। सरकार द्वारा जारी, वे स्टॉक एक्सचेंज पर व्यापार योग्य हैं। उन पर टीडीएस लागू नहीं होता है और उन्हें ऋण के लिए डिपॉजिट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। एचडीएफसी बैंक गोल्ड ईटीएफ में भी डील करता है।
इसलिए, आगे बढ़िए और इस धनतेरस पर कुछ अलग करें। लेकिन अपने जीवन में गोल्ड के ग्लैमर और चमक को जोड़ना न भूलें!
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सड़क से कमाई का गडकरी मॉडल! सड़क निर्माण से कमाई का मौका, जानें कैसे होगा इन्वेस्टमेंट और कितना होगा रिटर्न
हाईवे आपके लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है. देश में सड़कों का नेटवर्क कितना बड़ा है और कैसे बढ़ रहा है ये तो हम जानते हैं. भारत में इस वक्त करीब 62 लाख किमी से ज्यादा लंबी सड़कों का जाल है, जो कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क है. हालांकि सड़के सरकार सरकार बनाती है लेकिन अब इसमें आप भी अपनी हिस्सेदारी दे सकते हैं. तो क्या है नया प्लान और आप इसमें कितना और कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं आईए जानते हैं?
सड़क
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 25 अगस्त 2022,
- (Updated 25 अगस्त 2022, 2:23 PM IST)
सड़क में हो सकती है आपकी साझेदारी
तेजी से हाईवे बनवाने में नितिन गडकरी को श्रेय
अभी तक आप यही सुनते आए हैं कि सड़क सरकार की होती है. नेशनल हाईवे का निर्माण केन्द्र सरकार करती है. लेकिन अब तस्वीर बदलने वाली है. आगे सड़क तो सरकार ही बनाएगी लेकिन उसमें आप की भी हिस्सेदारी होगी. यानी आपका निवेश होगा. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक ऐसी स्कीम लेकर आए हैं जिसके तहत आम जनता सड़क परियोजनाओं में 10 लाख रुपये तक का निवेश कर सकती है. इसमें खास बात है कि इस निवेश पर सरकार हर महीने करीब 8% का ब्याज देगी. यानी 10 लाख निवेश करने पर आपको हर महीने ब्याज के तौर पर 70 से 80 हजार रुपए मिलेंगे.
सरकार देगी आपको ब्याज
सरकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए मोदी सरकार अब पूंजी बाजार का रुख कर रही है. इसमें उन लोगों को जोड़ने की कोशिश है जिनकी आय ज्यादा नहीं. कर्मचारी हो या छोटे मोटे कारोबारी, सभी इसमें अपनी क्षमता के हिसाब से निवेश कर सकते हैं. यानी कुछ हजार से लेकर 10 लाख तक का निवेश कर सकते हैं. सरकार ने इस फंड को इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के जरिये जुटाने का फैसला किया है. इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट म्यूचुअल फंड की तरह ही होगा. जिसके जरिए निवेशक छोटी राशि का सीधा निवेश करके रिटर्न के तौर पर पैसा कमा सकते हैं.
नई स्कीम होगी फायदे का सौदा
ऐसे में अगर आपके पास निवेश के लिए रकम है तो सरकार की ये नई स्कीम फायदे का सौदा साबित होगी. क्योंकि सरकार खुद सुनिश्चित कर रही है कि निवेशक को हर महीने 7 से 8% तक का ब्याज देगी. देश में सड़कों का नेटवर्क तेजी से बड़ा हो रहा है. भारत में इस वक्त करीब 62 लाख किमी से ज्यादा लंबी सड़कों का जाल है जो कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क है. आगे इसके बढ़ते जाने की संभावना है, क्योंकि सरकार का फोकस शानदार सड़कों पर है. आम लोगों के निवेश से सड़कों का प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ेगा. उसके साथ ही निवेशकों को अच्छे रिटर्न की गारंटी है. तो भला इससे अच्छी खबर और क्या हो सकती है.
तेजी से हाईवे बनवाने में नितिन गडकरी को श्रेय
देश में तेजी से हाईवे बनवाने में नितिन गडकरी को बड़ा श्रेय जाता है. केवल गडकरी के कार्यकाल में National Highways Authority of India ने कई कीर्तिमान बनाए हैं. पिछले 8 साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में नेशनल हाईवे के निर्माण में रिकॉर्ड तेजी आई है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं 2013-14 में हर दिन 12 किमी हाईवे बनते थे, जबकि 2020-21 में रोजाना 37 किमी हाईवे का निर्माण हुआ है. 2014 में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई करीब 91 हजार किमी थी जो कि अब 50 फीसदी बढ़कर 1.47 लाख किमी पहुंच गई है. जिसमें की मोदी सरकार का लक्ष्य है 2025 तक देश में नेशनल हाईवे का विशाल नेटवर्क 2 लाख किमी तक पहुंचाना है. जबकि अभी देश में करीब 65 हजार किमी नेशनल हाईवे नेटवर्क का निर्माण हुआ है और कार्य चल रहा है.
इस फॉर्मूला से जल्द बनेंगी सड़कें
सरकार को इस नेटवर्क को लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए काम में रफ्तार लानी होगी. इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सरकार PPP यानी प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप और BOT यानी बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर मॉडल के तहत काम कर रही है. बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर मॉडल के तहत आम लोगों को निवेशक बनाने की तैयारी की जा रही है. जिसका ऐलान खुद नितिन गडकरी कर चुके हैं. ऐसे में सड़क परियोजनाओं के तहत 7 से 8 प्रतिशत ब्याज दर से निवेश करने के स्कीम में अभी क्या शर्त लागू होगी. क्या स्कीम होगी इसका कोई लिखित ब्यौरा नहीं है. इसलिए इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.
Investment: हर महीने 1000 रुपये का निवेश करके बनाएं लाखों, जानिए क्या हैं विकल्प
पैसे से हर किसी की जिंदगी खुशहाल बनी रहती है. पैसा नहीं होने पर लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. ऐसे में पैसे कमाने के साथ-साथ निवेश भी करते रहना चाहिए. ताकि भविष्य की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकें.
Published: October 29, 2020 5:08 PM IST
आज के आधुनकि जीवन में हर किसी की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं. इसके साथ कोई भी व्यक्ति जीवन भर काम नहीं करना चाहता है. ऐसे में अपने भविष्य को सुरक्षित करने और सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए निवेश करना बहुत आवश्यक हो जाता है.
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लेकिन निवेश करने से पहले अपनी आय का आकलन करना पड़ता है. साथ ही यह भी तय करना पड़ता है कि किस जरूरत को पूरा करने के लिए आप निवेश करना चाह रहे हैं. यह भी तय करना होगा कि कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और कहां पर निवेश करना चाहते हैं.
पहले तो आपको निवेश और बचत के अंतर को समझना जरूरी है. अक्सर लोग बचत तो करते हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. जब आप निवेश करते हैं तो आप इसे केवल सुरक्षित नहीं रखते, बल्कि इसे बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं. निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेर सारे पैसे हों. आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं.
हम आपको यहां पर ऐसे ही पांच तरीके बता रहे हैं जहां हर महीने 1000 रुपये निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
कंपनियों के शेयरों में निवेश
शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे स्टॉक्स में निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और शेयर इस मकसद से खरीदें कि आपको इसे 7 से 10 साल के बाद बेचना है. इसलिए ऐसी कंपनी के शेयर खरीदें जिसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हों.
रेकरिंग टर्म डिपॉजिट
रेकरिंग डिपॉजिट (RD) एक तरह का टर्म डिपॉजिट है जो निवेशकों की रेगुलर सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है. RD अकाउंट में हर महीने मिनिमम 100 रुपये निवेश किया जा सकता है. इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है. इसमें ग्राहकों को 3 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक Interest मिलता है. यह भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट आप्शन है, लेकिन यहां निवेश के लिए अधिक सहूलियत है. FD में जहां एक मुश्त पैसा लगाना पड़ता है, RD में आप SIP की तरह अलग-अलग इंस्टालमेंट में मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड्स में निवेश
आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में हर महीने कम से कम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और वे कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड्स निवेश का एक अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Funds स्कीम चुन सकते हैं. Mutual Funds के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. SIP के जरिये आप इसमें निवेश कर सकते हैं. आप चाहें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund), डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप 100 रुपये से लेकर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं. इस समय इस पर 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. आप इसे पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक से खरीद सकते हैं. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है. अगर आप पांच साल के लिए NSC में हर महीने 1000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में इसमें 12,000 रुपये जमा होते हैं, लेकिन पांच साल के बाद यही अमाउंट 16,674 रुपये हो जाती है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने में सबसे कम जोखिम है. इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं रहता है. अभी PPF पर सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है और सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में निवेश कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं करने पर 1.5 लाख तक का टैक्स लाभ भी देती है. इसका लॉक पीरियड 15 साल है. 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25457 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा टैक्स बेनिफिट अलग से मिलेगा.
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'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक के दूसरे पार्ट में समझिए उतार-चढ़ाव से भरे मार्केट में निवेश कैसे करें?
आज हम गिर रहे मार्केट में Mutual Fund में निवेश करने का तरीका सीखने वाले हैं। इसे मैंने अपने हिसाब से नाम दिया है 'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक। आइए आज इसके दूसरे पार्ट को सीखने की कोशिश करते हैं।
Written By: ANISH KUMAR SINGH
Updated on: November 21, 2022 17:01 IST
Photo:FILE 'ब्लास्ट Lumpsum' टेक्निक के दूसरे पार्ट को समझिए
इस आर्टिकल के पहले पार्ट में हमने जाना था(आर्टिकल के पहले पार्ट का लिंक सबसे नीचे दिया गया है) कि अगर निफ्टी-50 लगातार गिर कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं रहा है तो 'ब्लास्ट Lumpsum' तकनीक के जरिए कैसे आप नीचे के लेवल पर पैसा इन्वेस्ट कर लॉन्ग टर्म में बढ़िया पैसा बना सकते हैं। अब हम सीखेंगे अगर निफ्टी-50 में Volatility यानी अस्थिरता ज्यादा हो तो उस स्थिति में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सी तकनीक अपनाएं। चूंकि नए निवेशकों के लिए मैंने अभी तक Index Fund की ही सलाह दी है। उन्हें सीधे शेयरों को खरीदने और बेचने का जोखिम नहीं उठाना है। Mutual Fund में करीब एक-दो साल समय गुजारने के बाद आप शेयरों को डायरेक्ट खरीदने योग्य बन सकते हैं। शुरुआत में शेयरों को बिना उनके फंडामेंटल एनालिसिस किए खरीदना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए नए इन्वेस्टर्स के लिए Index Fund सबसे ज्यादा सुरक्षित माना गया है। चलिए अब हम अपने मुद्दे पर आते हैं। सवाल ये है कि जब शेयर मार्केट में ज्यादा उथल-पुथल हो रही है तो उस वक्त Index Fund में इन्वेस्ट कैसे करना है।
ग्राफ से जानिए निवेश का तरीका
इसे आसानी से समझने के लिए आप नीचे दिए गए ग्राफ को देख सकते हैं। हम एक बार फिर यही मानकर चल रहे हैं कि निफ्टी-50 अभी 18000 के लेवल पर है। मान लीजिए कि उसमें करीब 200 अंकों की गिरावट आई(जैसा की पहले वाले आर्टिकल में समझाया था, उसे देखें) तो आपने अपने पहले 10 हजार रुपये इन्वेस्ट कर दिए। और इसी तरह मानकर चलते हैं कि गिरावट धीरे-धीरे 17,200 के लेवल तक पहुंच गई। इस दौरान आपने पांच बार अपने पैसे लगा दिए होंगे। यानि आपका 1 लाख का इन्वेस्टमेंट हो चुका होगा।
Image Source : INDIA TV
अब मान लेते हैं कि निफ्टी-50 बढ़ना शुरू करता है और कुछ ही दिन के अंदर 18,000 के आंकड़े को पार कर जाता है। तब आपको धैर्य रखना है और देखते ही देखते वो कुछ ही महीने में 18,300 के लेवल तक पहुंच जाता है, और फिर वहां से गिरना शुरू करता है। उसके गिरने का दौर फिर शुरू हो जाता है। अब यहां आपको एक दूसरे Index Fund से स्टार्ट करना चाहिए। मतलब पहले वाले Index Fund में आप lumpsum तब करेंगे, जब निफ्टी-50 अपने 17 हजार के लेवल पर आए। चूंकि निफ्टी अभी 18,300 के लेवल से गिरना शुरू हुआ है इसलिए फिर से हर 200 प्वाइंट नीचे गिरने पर 'ब्लास्ट lumpsum' वाला तरीका अपनाएं। यानी 10-10-20-20-40 हजार के हिसाब से हर 200 अंकों की गिरावट पर पैसे लगाते जाएं। इस तरह आपके दो इन्वेस्टमेंट शुरू हो चुके होंगे। पहले वाले में जैसा कि मैं बता चुका हैं कि पैसे तब डालने हैं जब निफ्टी-50 अपने 17,000 के लेवल तक गिर जाए और दूसरे वाले में इन्वेस्टमेंट तब करना है जब निफ्टी-50 गिरकर 18,100 तक पहुंच जाए। फिर ऐसे ही हर 200 प्वाइंट या डेढ़ से 2 फीसदी की गिरावट पर ब्लास्ट lumpsum करते जाएं। इस तरह आपके पैसे निफ्टी-50 में अच्छे लेवल पर लग जाएंगे और जैसे ही करेक्शन का फेज खत्म होगा। यानी बाजार के गिरने का फेज खत्म होगा, आप मुनाफे में आ जाएंगे।
अब पैसे कब निकालें
पैसे निकालने में कभी जल्दबाजी न करें। ज्यादा अच्छा तो तब होगा जब आप इन पैसों को लगाकर भूल जाएं। मेरा मतलब इन्वेस्टमेंट के लिहाज से इसे लॉन्ग टर्म के लिए छोड़ दें। चूंकि निफ्टी-50 हो या सेंसेक्स लॉन्ग टर्म में ऊपर बढ़ता ही जाता है। क्या किसी ने सोचा था कि 2002 में जो निफ्टी 1 हजार पर था आज वो 18 हजार के लेवल पर आ जाएगा। 20 साल में 1578% का मुनाफा। सोचकर देखिए, अगर आपने अपने 1 लाख रुपये भी 20 साल पहले किसी index fund में लगाए होते तो आज उसकी वैल्यू क्या होती।